खैरथल-तिजारा, दो चरणों में होगी जनगणना: अप्रैल–सितंबर 2026 के बीच एक माह में मकान सूचीकरण व आवास गणना, जबकि फरवरी 2027 में जनसंख्या गणना
प्रशासनिक इकाइयों व नक्शों के सत्यापन हेतु एक दिवसीय शिविर आयोजित
खैरथल-तिजारा, 18 दिसंबर। देश में आगामी जनगणना-2027 की तैयारियों को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह सक्रिय हो गया है। इसी क्रम में नगर परिषद सभागार में जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में प्रशासनिक इकाइयों की सूची एवं नक्शों के सत्यापन हेतु एक दिवसीय महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया गया।
जिला कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जनगणना का कार्य राष्ट्रहित में अत्यंत महत्वपूर्ण है, अतः इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही या कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
नक्शों और सीमाओं का सत्यापन
कलेक्टर ने निर्देश दिए कि वर्ष 2011 के बाद सीमाओं में हुए परिवर्तनों, नवगठित नगर पालिकाओं एवं ग्राम पंचायतों के नक्शों का बारीकी से सत्यापन सुनिश्चित किया जाए, ताकि किसी भी प्रकार की त्रुटि से बचा जा सके।
डिजिटल व पेपरलेस होगी पूरी प्रक्रिया
जनगणना कार्य निदेशालय, गृह मंत्रालय, भारत सरकार से आई टीम—सहायक निदेशक श्री महेश कुमार, श्री दिनेश रैगर, सांख्यिकीय अधिकारी श्री सचिन कुमार एवं श्रीमती नम्रता जैन—ने बताया कि जनगणना-2011 की तुलना में आगामी जनगणना अधिक हाई-टेक होगी। इस बार डेटा संकलन के लिए पेपर अनुसूचियों के स्थान पर मोबाइल ऐप्स का उपयोग किया जाएगा, जिससे प्रक्रिया तेज, सटीक और पारदर्शी बनेगी।
जनगणना के चरण
- प्रथम चरण: अप्रैल से सितंबर 2026 के मध्य एक माह की अवधि में मकान सूचीकरण एवं आवास गणना
- द्वितीय चरण: फरवरी 2027 में जनसंख्या गणना।
आमजन से 33 प्रकार की जानकारियां
बैठक में बताया गया कि इस बार प्रश्नावली में समयानुसार बदलाव किए गए हैं। नागरिकों से कुल 33 प्रश्न पूछे जाएंगे, जिनमें प्रमुख रूप से—
- खान-पान: परिवार द्वारा मुख्य रूप से उपयोग किए जाने वाले अनाज (गेहूं, चावल, बाजरा, मक्का आदि)
- डिजिटल संसाधन: घर में इंटरनेट, लैपटॉप, कंप्यूटर, स्मार्टफोन जैसी सुविधाओं की उपलब्धता
- जीवन स्तर: वाहन (कार, जीप, बाइक), मकान का निर्माण (छत/दीवार/फर्श), पेयजल स्रोत, शौचालय तथा रसोई में प्रयुक्त ईंधन का विवरण।
प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे जनगणना कर्मियों को सही व पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएं, ताकि सटीक आंकड़ों के आधार पर विकास योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन किया जा सके।

