धम्म भूमि मलोखडा, जिला पलवल (हरियाणा) के लिए खैरथल से रवाना हुई बौद्ध अनुयायियों की बसें


बौद्ध धम्म के प्रचार-प्रसार हेतु आस्था से भरी एक आध्यात्मिक यात्रा

3 अगस्त 2025, खैरथल (अलवर) बौद्ध धम्म के प्रचार-प्रसार और आस्था को समर्पित एक विशेष यात्रा के अंतर्गत खैरथल से दो बसों का काफिला आज प्रातः 9 बजे धम्म भूमि मलुकड़ा, जिला पलवल (हरियाणा) के लिए रवाना हुआ। इस पवित्र यात्रा में खैरथल जिले के विभिन्न गांवों – रसगण, पतलिया, खैरथल, किशनगढ़ बास, तिजारा, जीलोतो, मातौर, ददारहेड़ा, सिवाना, इस्माइलपुर, नूरनगर आदि से बौद्ध अनुयायियों ने भाग लिया।

इस आध्यात्मिक यात्रा का संचालन वरिष्ठ धम्म संरक्षक अमीलाल बौद्ध के निर्देशन में किया गया, जिन्होंने बौद्ध धर्म के मूल सिद्धांतों – धम्म, करुणा और मैत्री – का संदेश सभी यात्रियों तक पहुँचाया।


🛕 धम्म भूमि मलुकड़ा का महत्व

धम्म भूमि मलुकड़ा हरियाणा में बौद्ध आस्था का एक प्रमुख केंद्र बन चुका है। यह स्थान तथागत गौतम बुद्ध की शिक्षाओं और बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर के द्वारा नवयान बौद्ध धम्म की पुनर्स्थापना के संकल्प को समर्पित है। यहां देशभर से अनुयायी समय-समय पर आते हैं और त्रिरत्न – बुद्ध, धम्म और संघ – की शरण में आस्था प्रकट करते हैं।


🚌 खैरथल से रवाना हुए अनुयायी

यात्रा की शुरुआत खैरथल से सुबह 9 बजे हुई। बसों में सवार अनुयायियों ने पूरे मार्ग में "बुद्धं शरणं गच्छामि", "जय भीम", "धम्म की जय" जैसे उद्घोष लगाकर वातावरण को ऊर्जा से भर दिया। सभी अनुयायी शांतिपूर्ण और अनुशासित ढंग से यात्रा में सम्मिलित हुए।


🧘‍♂️ धम्म यात्रा का उद्देश्य

इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य था –

  • बौद्ध धम्म का प्रसार और जागरूकता फैलाना।
  • युवाओं और ग्रामीणों को धम्म की शिक्षाओं से जोड़ना।
  • सामाजिक समरसता, नैतिकता और अहिंसा के मूल्यों को जीवन में उतारने की प्रेरणा देना।
  • बाबा साहेब द्वारा सुझाए गए सामाजिक न्याय के पथ पर चलने का संकल्प दोहराना।

🙏 संघ की भावना

इस यात्रा ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि जब संघ (बौद्ध समुदाय) एकजुट होता है, तब परिवर्तन की राह आसान हो जाती है। यह आयोजन न केवल एक धार्मिक यात्रा थी, बल्कि सामाजिक समरसता, शिक्षा, नैतिकता और बंधुत्व का भी प्रतीक बन गया।


✍️ धम्म विशेष

बौद्ध धम्म की यह यात्रा सिर्फ एक स्थान विशेष की यात्रा नहीं थी, बल्कि यह आत्मा के शुद्धिकरण, विचारों की शांति और समाज में करुणा और प्रेम के बीज बोने का अभियान था। अमीलाल बौद्ध जैसे समर्पित धम्म संरक्षकों के नेतृत्व में ऐसी यात्राएं समाज को जागरूक करने, संगठित करने और एक नई दिशा देने का कार्य कर रही हैं।

विशेष योगदान देवीसहाय बौध्द,ताराचन्द सरपंच, ललित बौद्ध सचिन बौद्ध शिवराम मम्मनराम प्रहलाद पंच, रघुवीर सिंह शिवचरण माया बौद्ध बिमला बौद्ध शकुंतला बौद्ध पूर्व सरपंच अनारो देवी अशोक बौद्ध आदि लोगों रहा है योगदान


✍️ विशेष रिपोर्ट – प्रगति न्यूज़ टीम
📍स्थान – खैरथल, अलवर (राजस्थान)
📅 दिनांक – 3 अगस्त 2025

 


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