खैरथल, खैरथल जिला बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले चल रहे आंदोलन के 138वें दिन एवं किसान दिवस के अवसर पर एक विशाल किसान महासभा का आयोजन किया गया। इस महासभा में करीब 500 से 700 किसानों ने भाग लेकर अपनी एकजुटता का परिचय दिया।
महासभा में आसपास के क्षेत्रों से पहुंचे किसान नेताओं और जनप्रतिनिधियों ने एक स्वर में भाजपा सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि शीघ्र ही राज्य सरकार की ओर से यह स्पष्ट नहीं किया गया कि जिला खैरथल-तिजारा का मुख्यालय खैरथल में ही रहेगा, तो किसान और आमजन बड़े जनांदोलन के लिए मजबूर होंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
सभा को संबोधित करने वालों में
विधायक दीपचंद खेरिया, विधायक ललित यादव (मुंडावर), प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव अजीत यादव, प्रधान बीपी सुमन, प्रधान रोहिताश चौधरी, गिरीश डाटा, अखिलेश कौशिक, संदीप पाटिल, मुसद्दीलाल यादव, रोहिताश बोरा, अधिवक्ता केशव सिरोहिवाल, किसान महासभा प्रदेशाध्यक्ष विधि प्रकोष्ठ अधिवक्ता रामोतार चौधरी, धर्म सिंह सरपंच, सुखराम चौधरी, शेर सिंह थानेदार, वीरेंद्र चौधरी, जीतराम लंबरदार, वीर सिंह ढिल्लों, राजकुमार सरपंच, शीशराम सरपंच, पृथ्वी सिंह चौहान, योगेश, शेर सिंह चौधरी (बंबोरा), घनश्याम भारती, प्रभु लंबरदार, फूल सिंह सरपंच, मातादीन बिसारिया, मनोज बुराडिया, राहुल रसगन, रामचंद्र, कॉमरेड देशराज यादव, तोताराम, नेकीराम रविकांत जोशी सहित अनेक किसान नेता और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल रहे।
वक्ताओं ने कहा कि खैरथल को जिला मुख्यालय बनाए रखना क्षेत्र की जनता का अधिकार है, और इसे लेकर किसी भी प्रकार का समझौता स्वीकार नहीं किया जाएगा। आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक सरकार लिखित आश्वासन नहीं देती।
