लेकिन दूसरी ओर गांव के लोग यह सवाल भी उठा रहे हैं कि पूर्व उपचेयरमैन महोदय सिर्फ ट्रांसफार्मर और स्ट्रीट लाइट मुद्दे तक ही क्यों सीमित हैं, जबकि तिनिकीरूड़ी गांव की सबसे बड़ी और पुरानी समस्या—रास्तों में भरे पानी और जल निकासी—पर उन्होंने कभी कोई आवाज नहीं उठाई?
गांव में लंबे समय से रास्ते कीचड़ और गंदे पानी से भरे पड़े हैं, लोगों का आना-जाना मुश्किल हो चुका है, मगर इस गंभीर समस्या पर पूर्व उपचेयरमैन की ओर से न कोई बयान, न शिकायत, न ही कोई पहल देखने को मिली। ग्रामीणों का कहना है कि “जब पूरा गांव पानी में डूबा हुआ है, तब सिर्फ स्ट्रीट लाइट का मुद्दा उठाना जनता की असली समस्या से ध्यान हटाने जैसा है।”
पूर्व उपचेयरमैन महोदय ने स्वयं भी यह स्पष्ट किया है कि उनका मुद्दा सिर्फ ट्रांसफार्मर और स्ट्रीट लाइट लाइन तक सीमित है, जबकि जलभराव जैसी महत्वपूर्ण समस्या पर उनकी कोई टिप्पणी नहीं है। इस चुप्पी ने ग्रामीणों के बीच नाराजगी और सवाल दोनों बढ़ा दिए हैं।
