निरीक्षण दल में महेन्द्र कुमार सरावता, कैलाश मीणा (अनुभागाधिकारी), चेना राम भदाला (सहायक अनुभागाधिकारी), कृष्णावतार कटारिया एवं तरूण कुमार मीणा (लिपिक ग्रेड-द्वितीय) शामिल रहे। दल द्वारा प्रातः 09:40 बजे निरीक्षण प्रारंभ किया गया।
के. आर. मीना ने बताया कि निरीक्षण के दौरान कुल 14 रजिस्टरों की जांच की गई। निरीक्षण में कुल 178 अधिकारी एवं कर्मचारी दर्ज पाए गए, जिनमें से 99 अधिकारी/कर्मचारी अनुपस्थित मिले। राजपत्रित अधिकारियों में लगभग 50 प्रतिशत(19) तथा अराजपत्रित कर्मचारियों में लगभग 57 प्रतिशत(80) उपस्थिति दर्ज नहीं पाई गई।
निरीक्षण में यह भी पाया गया कि कई कार्यालयों में उपस्थिति पंजिकाएं निर्धारित मापदण्डों के अनुसार संधारित नहीं की जा रही हैं। साथ ही कई विभागों में साफ-सफाई की व्यवस्था असंतोषजनक पाई गई तथा रिकॉर्ड संधारण अव्यवस्थित अवस्था में मिला। प्रशासनिक सुधार एवं समन्वय विभाग द्वारा समय-समय पर जारी परिपत्रों की भी समुचित पालना नहीं की जा रही थी।
निरीक्षण दल द्वारा अनुपस्थित पाए गए कार्मिकों के विरुद्ध नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही किए जाने हेतु रिपोर्ट उच्च स्तर पर प्रस्तुत करने की कार्यवाही प्रस्तावित की गई है।
