सुहेटा (प्रगति न्यूज़): गांव सुहेटा का आंगनबाड़ी केंद्र प्रथम आज भी जर्जर भवन में संचालित हो रहा है, जो बच्चों की जान के लिए खतरा बन चुका है। भवन की हालत चिंताजनक है—गेट पूरी तरह टूट चुके हैं, छत से लगातार पानी टपक रहा है, बरामदे की पट्टी दरक चुकी है और दीवारों में गहरी दरारें हैं।
इस गंभीर स्थिति को लेकर ग्रामवासियों ने कई बार पंचायत सचिव, आंगनबाड़ी सुपरवाइजर और पंचायत समिति के अधिकारियों को अवगत कराया है, लेकिन विभागीय लापरवाही के चलते अब तक किसी भी तरह की मरम्मत नहीं करवाई गई है।
ग्रामीणों का आरोप है कि विभाग जानबूझकर बच्चों की जान से खिलवाड़ कर रहा है।
इस केंद्र में प्रतिदिन 3 से 6 वर्ष के मासूम बच्चे शिक्षा और पोषण के लिए आते हैं, लेकिन अब उनके जीवन पर खतरा मंडरा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय रहते प्रशासन ने भवन की मरम्मत नहीं करवाई तो संवैधानिक रूप से कार्यवाही करेंगे
ग्रामवासियों की मुख्य माँगें:
- आंगनबाड़ी भवन की तत्काल मरम्मत या नए भवन का निर्माण
- बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु अस्थायी स्थान पर सुरक्षित संचालन
- जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई
स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता एवं ग्राम प्रतिनिधियों ने चेतावनी दी है कि यदि 15 दिनों के भीतर कार्य शुरू नहीं हुआ, तो वे जन आंदोलन, मीडिया अभियान और RTI के माध्यम से विभागीय जवाबदेही तय करने की प्रक्रिया शुरू करेंगे।
ग्रामीणों की चेतावनी अब प्रशासन के लिए आखिरी मौका हो सकता है—वरना आने वाले समय में विभागीय लापरवाही के गंभीर कानूनी और सामाजिक परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
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