चुड़ला कृषि महाविद्यालय बना बदहाली का प्रतीक, हालात प्राइमरी स्कूल से भी बदतर

चुड़ला कृषि महाविद्यालय बना बदहाली का प्रतीक, हालात प्राइमरी स्कूल से भी बदतर

एक भी शिक्षक नहीं, पीने का पानी तक नहीं, छात्रों का भविष्य अधर में

सोडावास (प्रगति न्यूज़)। संवाददाता - देवराज मीणा, मुंडावर जिला, खैरथल-तिजारा (राजस्थान)।

मुंडावर उपखंड की हटुंडी ग्राम पंचायत के अंतर्गत चुड़ला गांव में स्थित कृषि महाविद्यालय—जिसकी स्थापना वर्ष 2022 में बड़ी उम्मीदों के साथ की गई थी—आज अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। अलवर-बहरोड़ स्टेट हाईवे 14 पर स्थित यह कॉलेज केवल नाम का संस्थान बनकर रह गया है, जहां न तो शिक्षकों की नियुक्ति हुई है, न ही मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हैं।

30 स्वीकृत पद, लेकिन केवल दो बाबू कार्यरत

स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता हनुमान कसाना और बाबूलाल फौजी ने बताया कि कॉलेज में 30 पद स्वीकृत हैं जिनमें प्रोफेसर, सहायक कर्मचारी और अन्य स्टाफ शामिल हैं, लेकिन आज तक न कोई नियमित शिक्षक नियुक्त किया गया और न ही स्थायी स्टाफ। महज दो लिपिकों के सहारे यह महाविद्यालय चल रहा है। एकमात्र विद्या संबल शिक्षक कभी-कभार आकर खानापूर्ति कर चला जाता है।

राजसेस समिति के अधीन संचालन, नियमितता पर सवाल

सरकार की नई नीति के अनुसार अब कृषि महाविद्यालयों का संचालन शिक्षा आयुक्तालय के बजाय राजसेस समिति के अधीन किया गया है। इसी कारण नियमित शिक्षकों की नियुक्तियों में बाधा बनी हुई है। पूरे राजस्थान में संचालित करीब 30 कृषि महाविद्यालयों की स्थिति कमोबेश यही है।

छात्रों के सामने समस्याओं का पहाड़

छात्रों का आरोप है कि महाविद्यालय में न तो प्रयोगशाला (लैब) है, न ही लीड वर्क की व्यवस्था। पीने के पानी, खेल सामग्री, सफाई, बिजली और फर्नीचर की भारी कमी है। कक्षाएं अनियमित हैं, परीक्षा केंद्र तक नहीं है। अध्ययन सामग्री का भी टोटा है। ऐसे में उनका भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है।

ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से की हस्तक्षेप की मांग

चुड़ला के ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर से मांग की है कि जल्द से जल्द कॉलेज में शिक्षकों की नियुक्ति और आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं। ग्रामीणों का कहना है कि यह सरकार की उपेक्षा नीति का नतीजा है या फिर जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता, लेकिन हकीकत यही है कि चुड़ला कृषि महाविद्यालय की शैक्षणिक व्यवस्था वेंटिलेटर पर चल रही है।

ग्रामीणों और छात्रों में आक्रोश

कॉलेज की बदहाल स्थिति से क्षुब्ध छात्र और ग्रामीण अब आंदोलन के मूड में हैं। अगर जल्द ही प्रशासन ने उचित कदम नहीं उठाए तो बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी गई है।

 


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