आखिर देर शाम पकड़ा गया लैपर्ड, दिनभर लगा रहा था शहर की गलियों में चक्कर


बहरोड़। कस्बे के रिहायशी इलाकों में रविवार को एक लेपर्ड घुस आया। सुबह करीब 11 बजे एक लेपर्ड देखा गया था। करीब 7 घंटे की मशक्कत के बाद शाम 6:30 बजे उसे वन विभाग की टीम ने ट्रेंकुलाइज कर काबू किया। लेपर्ड को बहरोड़ के तसिंग रोड़ स्थित जैतपुरा मोहल्ले में एक मकान से पकड़ा। वन विभाग की टीम ने दीवार में ड्रिल कर लेपर्ड को ट्रेंकूलाइज किया। लेपर्ड को सरिस्का में छोड़ा जाएगा। सबसे पहले लेपर्ड को सबलपुरा मोहल्ले में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के नंबर-3 के पास लकड़ियों के ढेर में करीब 11 बजे छिपे हुए देखा गया। करीब 12:30 बजे इसकी जानकारी वन विभाग को दी गई। बहरोड़ से वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। जब सर्च अभियान चलाया गया, तो लेपर्ड वहां से निकलकर खेतों की ओर भाग गया। इसके बाद वह जैतपुरा मोहल्ले की एक पुरानी हवेली में जाकर छिप गया। लेपर्ड की मौजूदगी की सूचना पर कोतवाली थानाधिकारी महेश तिवारी के नेतृत्व में पुलिस टीम मौके पर पहुंची। भीड़ के शोरगुल से लेपर्ड एक बार बाहर गली की तरफ दौड़ निकला, जिससे भगदड़ मच गई। 


*सरिस्का से आई टीम ने लेपर्ड को किया काबू*

क्षेत्रीय वन अधिकारी हंसराज यादव ने बताया कि लेपर्ड को पकड़ने के लिए सरिस्का से एक टीम बुलाई गई। टीम में ट्रेंकुलाइज एक्सपर्ट डॉक्टर सहित 15 सदस्य शामिल थे। इसके अतिरिक्त, किशनगढ़बास रेंज के तातारपुर नाका से भी 5 सदस्य पहुंचे। दोपहर करीब 2:30 बजे सरिस्का से ट्रेंकुलाइज एक्सपर्ट डॉ. दीनदयाल मीणा की टीम बहरोड़ पहुंची। लेपर्ड को बाहर निकालने के लिए पटाखे फोड़े गए, जिसके बाद वह मकानों की छतों पर दौड़ते हुए एक अन्य मकान में घुस गया। यहां भी पटाखे फोड़ने पर वह तीसरे खंडहर में चला गया। आखिरकार शाम 6:30 बजे उसे ट्रेंकुलाइज कर रेस्क्यू किया गया और सरिस्का ले जाया गया। 


मीडिया से वार्ता के दौरान डॉ. दीनदयाल मीणा ने बताया- यह एक नर लेपर्ड था, जिसकी उम्र करीब 5-6 साल है। भीड़ ज्यादा होने और बार-बार लेपर्ड के स्थान बदलने के कारण उसे पकड़ने में देरी हुई। लेपर्ड आसपास के ही इलाके से आया था और इसे सरिस्का ले जाया गया है। बहरोड़ नगर परिषद पार्षद संतोष शर्मा ने बताया-लेपर्ड दिनभर उनकी हवेली और आसपास के पुराने मकानों में छिपा रहा। करीब 3:30 बजे यह उनके मकान के आंगन से गुजरता हुआ गया, जिसकी रिकॉर्डिंग सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। मोहल्ले में करीब 4000 लोग रहते हैं। रविवार का दिन होने के कारण बच्चों की छुट्टी थी, लेकिन सुरक्षा के चलते उन्हें घर से बाहर नहीं निकलने दिया गया। मोहल्ले के लोग अपने मकानों के गेट बंद करके छतों पर बैठे रहे। लेपर्ड के शाम को पकड़े जाने के बाद ही सभी ने राहत की सांस ली।


दिनभर छतों पर खड़े रहे लोग- जैतपुरा के निवासी पवन शर्मा, अजय शर्मा, ऋषिराज सिंह और सुरेंद्र वर्मा ने कहा- हमें डर लग रहा था कि लेपर्ड कहीं उनके घर में न घुस जाए और किसी पर हमला न कर दे। उन्होंने कहा कि जैसे ही सरिस्का की टीम ने लेपर्ड को पकड़कर लेकर गई, इलाके के लोगों ने राहत महसूस की। पूरे दिन का तनाव उस वक्त खत्म हुआ, जब लेपर्ड को सुरक्षित सरिस्का के लिए रवाना किया गया।











 


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