✍️ संवाददाता: देवराज मीणा, मुंडावर
सोडावास — झालावाड़ जिले में हाल ही में एक स्कूल भवन की छत गिरने से हुए दर्दनाक हादसे ने पूरे प्रदेश को हिला कर रख दिया है। इसी संदर्भ में अब अलवर जिले की सोडावास आंगनबाड़ी केन्द्र-2 की जर्जर स्थिति को लेकर स्थानीय लोगों और कर्मचारियों में गहरी चिंता देखी जा रही है।
आंगनबाड़ी केन्द्र की दीवारें टूटी हुई हैं, छत से पानी टपकता है और फर्श जगह-जगह से उखड़ चुका है। यहां पर 3 से 6 वर्ष के मासूम बच्चे प्रतिदिन आते हैं, लेकिन उनकी सुरक्षा भगवान भरोसे नजर आ रही है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सरोज देवी ने बताया कि,
"भवन बच्चों के बैठने योग्य नहीं है। बरसात के दिनों में अंदर पानी भर जाता है और छत से प्लास्टर गिरने का डर बना रहता है।"
विभागीय स्तर पर प्रतिवर्ष मरम्मत योग्य भवनों की सूची निर्माण शाखा को भेजी जाती है, लेकिन इनकी कोई सुनवाई नहीं होती। न तो विभाग ध्यान दे रहा है और न ही भामाशाह इस दिशा में कोई रुचि दिखा रहे हैं।
स्थानीय ग्रामीणों ने चेताया है शीघ्र मरम्मत कार्य शुरू किया जाए
ऐसे में सवाल यह उठता है कि सरकार बच्चों की सुरक्षा को कब प्राथमिकता देगी? क्या कोई और हादसा इंतजार कर रहा है?