अनिल बजाज ब्यूरो चीफ (खैरथल-तिजारा) राजस्थान सरकार के “जनसेवा के अंतिम छोर तक पहुंच” के उद्देश्य से आयोजित पंडित दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय संबल पखवाड़ा का जिले में व्यापक असर देखने को मिला। 24 जून से 09 जुलाई 2025 तक आयोजित इस जनकल्याणकारी शिविर श्रृंखला ने प्रशासन और जनता के बीच की दूरी को पाटने का कार्य किया, जहां सैकड़ों अधिकारी और कर्मचारियों ने गांव-गांव पहुंचकर योजनाओं का लाभ पात्र लोगों तक पहुंचाया।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर संचालित इस अभियान ने खैरथल-तिजारा जिले में प्रशासनिक सजगता, योजनात्मक समन्वय और जनभागीदारी का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया।
अभियान के दौरान 8 जुलाई तक राजस्व विभाग द्वारा 3145 नामांतरण प्रकरणों, 2812 लंबित नोटिसों और 685 सीमांकन प्रकरणों का त्वरित निपटारा किया गया। 328 सड़क मामलों और 219 आपसी सहमति से बंटवारे के प्रकरणों का समाधान भी हुआ। इसके साथ ही बजट घोषणाओं के 142 लंबित कुरेजात रिपोर्ट, 94 लंबित पत्थरगढ़ी प्रकरणों का विवरण, 8 लंबित भूमि आवंटन के प्रस्ताव तैयार किए, 9 अप्रयुक्त विभागीय भवनों/भूमि का उपयोग एवं आवंटित किया, राजस्व मंडल एवं अन्य राजस्व न्यायालय द्वारा तलब 140 अभिलेख/ पत्रावलियों का प्रेषित भी कि गई।
ग्रामीण विकास विभाग ने DBT योजना के तहत ₹21,000 की सहायता राशि 321 लाभार्थियों को वितरित की तथा 1565 PMAY लाभार्थियों से आवेदन प्राप्त किए। मनरेगा के अंतर्गत 13400 श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराया गया। पंडित दीनदयाल उपाध्याय गरीबी मुक्त गांव योजना हेतु 454 बीपीएल परिवारों का सर्वे किया गया।
पंचायती राज विभाग ने 197 नए वोटर कार्ड बनाए तथा 35 जल संरक्षण योजनाएं क्रियान्वित कीं साथ ही पखवाड़ा अवधि में 125 कार्यों की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति दी गई। ऊर्जा विभाग द्वारा 1704 ट्रांसफॉर्मरों की मरम्मत, 1055 विद्युत पोलों का सुधार और 4025 पेड़ों की शाखा कटाई की गई। जल स्वास्थ्य एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने 2188 नए जल कनेक्शन दिए, 1192 हेडपंपों की मरम्मत की गई और 22400 मीटर पाइपलाइन का निरीक्षण किया गया। इसके साथ ही 141 पानी की टंकियां की साफ सफाई, 12 जल स्रोतों के लंबित विद्युत कनेक्शन जारी, पानी की सूचारू उपलब्धता हेतू 1018 पाइपलाइन के अंतिम छोर पर जल दबाव की जांच सहित 133 ग्रीष्मकल में जलाआपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु किया जा रहे आकस्मिक कार्यों का सत्यापन किया गया।
कृषि और बागवानी विभाग ने 462 सूक्ष्म सिंचाई योजनाएं स्वीकृत कीं, 3848 मृदा नमूने लिए और 2606 मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किए। वन विभाग द्वारा 71328 पौधे वितरित किए गए और 81872 पौधों का रोपण किया गया। खाद्य विभाग ने 8099 NFSA आवेदन निस्तारित किए, 13837 नए सदस्य जोड़े और 27444 परिवारों की EKYC पूरी की।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने 11471 लोगों की PMJAY E-KYC, 20738 लोगों का NCD शिविर में पंजीकरण और 2392 PMJAY कार्ड वितरित किए। इसके साथ ही 2149 मरीजों को चिकित्सा सेवा, 13441 वरिष्ठ नागरिकों की स्क्रीनिंग और 1255 गर्भवती महिलाओं की जांच की गई। PMVVY योजना के अंतर्गत 1210 व्यक्तियों का पंजीकरण, 8218 लोगों की टीबी की हेतु पहचान स्क्रीनिंग, 126 टीबी रोगियों को निक्षय पोषण किट, 1151 बच्चों का आरसीएच टीकाकरण, 98 यूडीआईडी कार्ड जारी किए गए।
पशुपालन विभाग ने 38800 पशुओं का टीकाकरण, 6282 बड़े पशु तथा 23271 छोटे पशुओं का उपचार और 13191 पशुपालकों को लाभान्वित किया। जल संसाधन विभाग द्वारा तीन नहरों के पटरो की सफाई एवं मरम्मत, तीन नहरों की गाद निकलना एवं झाड़ हटाना, बांध के 35 गेटों की सफाई, 35 जल संसाधन विभाग को हस्तांतरित जल संग्रहण संरचनाओं की मरम्मत, एक नहरी क्षेत्र में बाराबंदी से संबंधित सुनवाई प्रकरणों का निस्तारण किया गया।
शिक्षा विभाग ने 72947 विद्यार्थियों को पुस्तकें वितरित कीं और 637 विद्यालयों में नामांकन शिविर आयोजित किए। इसी प्रकार विभाग द्वारा 1779 विद्यालयों में स्थित शौचालय की सफाई, 244 विद्यालय में स्थित शौचालय की मरम्मत, 169 विद्यालय द्वारा अनुपयोगी सामग्री का निस्तारण, 368 विद्यालयों में जल, बिजली, फर्नीचर, पंखे, स्विच बोर्ड सहित अन्य आवश्यक कार्य किए गए। 19 विद्यालयों को क्रमोन्नत तथा 12 विद्यालयों में नए संकाय शुरू किए गए। उच्च शिक्षा विभाग ने 7 स्कूटी ठीक करके वितरण कि। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा 1448 महिलाओं की पोषण जांच की गई तथा 303 महिलाओं को मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना का लाभ प्रदान किया गया। श्रम विभाग द्वारा 19 श्रमिकों को ₹38,000 की आर्थिक सहायता दी गई। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने कैंपों के दौरान 1206 पेंशनर्स को सत्यापित किया।
यह पखवाड़ा केवल योजनाओं का वितरण नहीं, बल्कि एक विश्वास का संचार था — कि सरकार लोगों के द्वार तक पहुंच रही है। शिविरों में न केवल कागजों पर योजनाएं पूरी हुईं, बल्कि रामावतार, सुनीता, पूनम जैसे सैकड़ों लोगों के चेहरे पर मुस्कान भी लौटी। यह अभियान "अंत्योदय" की उस अवधारणा को साकार करता है, जहाँ सबसे अंतिम, सबसे वंचित व्यक्ति को भी सम्मान और सुविधा मिले।