गुरु पूर्णिमा पर खैरथल-तिजारा में संतों का हुआ गरिमामय सम्मान, मुख्यमंत्री का संदेश हुआ समर्पित

अनिल बजाज ब्यूरो चीफ: खैरथल तिजारा

आज गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर राजस्थान सरकार के देवस्थान विभाग एवं स्थानीय प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में खैरथल-तिजारा जिले में विभिन्न आश्रमों और मंदिरों में स्थित संतों व महंतों का भावपूर्ण सम्मान किया गया। यह आयोजन मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की पहल पर भारतीय गुरु परंपरा के सम्मान और संरक्षण हेतु आयोजित किया गया।


जिला कलेक्टर किशोर कुमार ने मुंडावर स्थित रैणागिरी आश्रम में स्वामी बालक दास महाराज से आशीर्वाद प्राप्त कर मुख्यमंत्री का शुभकामना संदेश, श्रीफल, शॉल, मिठाई एवं ₹2100 की सम्मान राशि भेंट कर उन्हें श्रद्धा-सुमन अर्पित किए। इस अवसर पर पुष्पमाला अर्पण कर कलेक्टर ने संतों के प्रति सम्मान प्रकट किया और मुख्यमंत्री का संदेश भी उपस्थित श्रद्धालुओं के समक्ष पढ़कर सुनाया, जिसमें गुरु की भूमिका को राष्ट्र और चरित्र निर्माण की आधारशिला बताया गया।


इस अवसर पर जिला कलेक्टर ने प्रदेश मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा इस पर्व पर भेजे गए संदेश को उपस्थित श्रद्धालुओं के समक्ष पढ़कर सुनाया। मुख्यमंत्री के संदेश में गुरु के महत्व, भारतीय संस्कृति में उनके आदर्श स्थान और जीवन निर्माण में उनकी भूमिका को रेखांकित किया गया था।


जिला कलेक्टर ने अपने उद्बोधन में कहा कि गुरु का सम्मान करना हमारी सनातन परंपरा का मूल स्तंभ है। संत न केवल समाज को आध्यात्मिक दिशा देता है, बल्कि नैतिक मूल्यों और संस्कृति के संरक्षण में भी महती भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि भारत की ज्ञान परंपरा में गुरु न केवल शिक्षा के प्रदाता हैं, बल्कि वे जीवन के मार्गदर्शक, राष्ट्र निर्माण के सूत्रधार और चरित्र निर्माण के प्रेरणा स्रोत भी हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार संतों, साधु-संत समाज और धार्मिक स्थलों के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु प्रतिबद्ध है।


देवस्थान विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में जिले के अन्य संतों – महंत बलवीरनाथ (सीतावाली प्याऊ आश्रम, जलालपुर), महंत दीपकनाथ (बाबा सोमनाथ धाम, लाडपुर), श्याम सुंदर महाराज (हनुमान मंदिर घाटा, बम्बोरा) एवं शुभनाथ महाराज (मुंडावर) को भी आश्रमों में जाकर शॉल, श्रीफल, मिठाई, ₹2100 नकद राशि व मुख्यमंत्री का संदेश देकर सम्मानित किया गया, कार्यक्रम के दौरान स्थानीय जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे।


गुरु वंदन कार्यक्रम के दौरान धार्मिक भक्ति संगीत, पंगत प्रसादी व भंडारे का आयोजन भी हुआ। वहीं आश्रम की ओर से जिला कलेक्टर एवं मुंडावर तहसीलदार को पटका और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।