कार्यक्रम की शुरुआत बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ हुई। इस दौरान उपस्थित सभी गणमान्य लोगों ने बाबा साहेब के विचारों और उनके योगदान को याद किया। वक्ताओं ने कहा कि भारतीय संविधान केवल एक दस्तावेज नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण का आधार है, जिसने सभी नागरिकों को समान अधिकार, स्वतंत्रता और न्याय प्रदान किया है।
समारोह में मेघवाल समिति के ब्लॉक अध्यक्ष दुलीचंद छत्रवाल, रोहिताश थानेदार, जगराम सिंगल, शिवलाल रेलवे, ओमप्रकाश बड़बड़, विजय सांवरिया, नरेश आर्य, किशन लाल सांवरिया (जिला उपाध्यक्ष, मेघवाल विकास समिति), विपिन सिंगल, सुनील सांवरिया, रतिराम सिंघल और दिनेश गोठवाल सहित समाज के अनेक वरिष्ठ और युवा सदस्य उपस्थित रहे। सभी ने संविधान दिवस को सिर्फ एक औपचारिक कार्यक्रम की बजाय एक प्रेरणात्मक अवसर बताते हुए इसे हर वर्ष और अधिक ऊर्जा एवं सहभागिता के साथ मनाने का आह्वान किया।
वक्ताओं ने कहा कि आज के समय में लोकतंत्र और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा करना हर नागरिक का कर्तव्य है। सामाजिक सौहार्द, समानता और भाईचारा संविधान की आत्मा है, जिसे मजबूत करने के लिए समाज को एकजुट होकर कार्य करना चाहिए।
कार्यक्रम में युवाओं को विशेष रूप से संविधान की प्रस्तावना, मूल अधिकारों, मूल कर्तव्यों एवं निर्देशित सिद्धांतों की जानकारी दी गई। साथ ही बताया गया कि संविधान केवल शासन की व्यवस्था का आधार ही नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय और समान अवसरों का मार्गदर्शक है।
अंत में मेघवाल समाज के पदाधिकारियों ने सभी से संविधान के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाने, भेदभाव मिटाने और एक मजबूत तथा प्रगतिशील राष्ट्र निर्माण में योगदान देने का संकल्प लिया। कार्यक्रम उत्साह, जागरूकता और सामाजिक एकता का सशक्त संदेश देते हुए सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।