सरकार की ओर से अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि नवनिर्मित जिले का मुख्यालय खैरथल–तिजारा ही रहेगा। इसी के साथ, पंचायत स्तर की संरचना को पूर्णता देने के लिए पंचायती राज विभाग ने अब जिला परिषद खैरथल–तिजारा के गठन को भी आधिकारिक रूप से मंजूरी दे दी है।
📌 पंचायती राज अधिनियम के तहत मिला अधिकार
पंचायती राज विभाग ने यह अधिसूचना राजस्थान पंचायती राज अधिनियम, 1994 की धारा 11 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी की है। इस धारा के अनुसार, राज्य सरकार को नए जिले के अनुरूप नया जिला परिषद गठित करने का पूरा अधिकार प्राप्त है।
अधिसूचना में बताया गया है कि खैरथल–तिजारा जिले के अंतर्गत वही क्षेत्र आएंगे, जिन्हें राजस्व विभाग ने अपनी अधिसूचना में जिला सीमा के रूप में तय किया है। इसमें नगरीय निकायों — नगर निगम, नगर परिषद और नगर पालिका के क्षेत्र शामिल नहीं होंगे, जबकि शेष सभी ग्रामीण क्षेत्र जिला परिषद के अधिकार क्षेत्र में आएंगे।
📌 अलवर जिला परिषद से अलग होंगे क्षेत्र
अधिसूचना में यह भी स्पष्ट किया गया है कि जिन ग्रामीण क्षेत्रों को नए जिले में शामिल किया गया है, वे अब अलवर जिला परिषद के भौगोलिक क्षेत्र में नहीं आएंगे। इसका मतलब है कि अब इन क्षेत्रों की पंचायत समितियां, ग्राम पंचायतें और उनसे संबंधित सभी प्रशासनिक कार्यवाही नई जिला परिषद खैरथल–तिजारा के माध्यम से संचालित होंगी।
📌 आगामी पंचायत चुनाव में लागू होगी नई संरचना
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि जिला परिषद खैरथल–तिजारा का गठन आगामी पंचायत चुनाव से लागू माना जाएगा। जैसे ही राजस्थान में अगला पंचायत राज चुनाव घोषित होगा, खैरथल–तिजारा के मतदाता अपने नए जिला परिषद के लिए प्रतिनिधियों का चुनाव करेंगे।
इस निर्णय से क्षेत्र की ग्रामीण विकास योजनाओं में गति आने की उम्मीद है, साथ ही स्थानीय प्रशासनिक व्यवस्था और संसाधनों का बेहतर प्रबंधन भी संभव होगा।
📌 क्षेत्रवासियों में उत्साह
नई जिला परिषद के गठन की अधिसूचना जारी होने के बाद खैरथल–तिजारा क्षेत्र के ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों में उत्साह देखा जा रहा है। लंबे समय से जिला विस्तार और प्रशासनिक इकाइयों के गठन की मांग करने वाले लोग इस निर्णय को क्षेत्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण मान रहे हैं।

