खैरथल-तिजारा:- खैरथल क्षेत्र में नाम परिवर्तन व जिला मुख्यालय को बदलने के विरोध को लेकर आंदोलन लगातार तेज हो रहा है। मंगलवार को तीसरे दिन भी खैरथल पूरी तरह बंद रहा। बाज़ारों में सन्नाटा पसरा रहा और व्यापार पूरी तरह ठप दिखाई दिया।
शाम को लोगों ने एकजुट होकर मशाल रैली निकाली। रैली में शामिल लोगों ने नारेबाजी करते हुए अपना विरोध दर्ज कराया। इसके बाद सामूहिक रूप से स्थानीय मंदिर में पूजा-अर्चना की गई और भगवान से प्रार्थना की कि “बीजेपी नेताओं को सद्बुद्धि मिले और वे जनभावनाओं का सम्मान करें।”
आंदोलनकारियों का कहना है कि खैरथल का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व है, इसलिए इसका नाम बदलना व मुख्यालय को अन्यत्र ले जाना किसी भी हाल में स्वीकार्य नहीं है।