
नेताओं ने कहा कि खैरथल ऐतिहासिक व भौगोलिक दृष्टि से हमेशा से ही मुख्यालय के रूप में उपयुक्त स्थान रहा है और यहां की जनता वर्षों से इस जिले की मांग करती आ रही थी। अब जब यह जिला बना है तो मुख्यालय को अन्यत्र स्थानांतरित करना न्यायसंगत नहीं है।
रैली के अंत में फाटक पर सभा का आयोजन हुआ, जहाँ नेताओं ने संयुक्त रूप से धरना-प्रदर्शन करने की घोषणा की। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यदि सरकार ने जनभावनाओं की अनदेखी की तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा तथा आवश्यक होने पर अनिश्चितकालीन बंद भी किया जाएगा।
इस मौके पर हजारों की भीड़ मौजूद रही, जिसमें व्यापार मंडल, सामाजिक संगठन, किसान व युवा वर्ग की भागीदारी विशेष रूप से रही। लोगों ने हाथों में तिरंगा लहराते हुए सरकार से मांग की कि खैरथल-तिजारा जिले का मुख्यालय खैरथल में ही रखा जाए और जिले का नाम यथावत रखा जाए।
रैली के दौरान खैरथल का पूरा शहर देशभक्ति गीतों और नारेबाजी से गूंजता रहा। बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग तक रैली में शामिल हुए और प्रशासन को जनता की एकजुटता का संदेश दिया।