भारत में तकनीकी प्रगति के एक नए युग की शुरुआत हो चुकी है। देश में जल्द ही ड्राइवरलेस कारों का ट्रायल शुरू किया जाएगा। यह निर्णय TRAI (टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया) की सिफारिशों के आधार पर लिया गया है, जिसमें टेरा हर्ट्ज़ स्पेक्ट्रम को मंजूरी दी गई है। इस तकनीक को डिजिटल कम्युनिकेशन कमीशन द्वारा हरी झंडी दी गई है, जिससे भारत में ऑटोमेटेड वाहन तकनीक के विकास को नई रफ्तार मिलेगी।
इस योजना के अंतर्गत कंपनियां केवल ₹1,000 की फीस देकर पांच वर्षों तक अनुसंधान और परीक्षण कर सकेंगी। ड्राइवरलेस कारें आधुनिक सेंसर, कैमरा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से लैस होंगी, जो बिना किसी मानव चालक के सुरक्षित रूप से चलने में सक्षम होंगी।
इन कारों के परीक्षण से न केवल देश में तकनीकी नवाचार को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यह सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में भी एक बड़ा सुधार साबित हो सकता है। AI आधारित निर्णय प्रणाली दुर्घटनाओं की संभावनाओं को कम कर सकती है और ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन कर सकती है।
यह पहल भारत को तकनीक-प्रधान भविष्य की ओर ले जाने वाला एक क्रांतिकारी कदम है। अगर परीक्षण सफल रहे, तो जल्द ही भारत की सड़कों पर बिना ड्राइवर के दौड़ती स्मार्ट कारें आम नज़ारा बन सकती हैं।