निर्माण श्रमिक शिक्षा व विकास योजना

0

निर्माण श्रमिक शिक्षा व विकास योजना

निर्माण श्रमिक शिक्षा व विकास योजना

योजना का उद्देश्य 

  1. यह योजना “निर्माण श्रमिक व कौशल विकास योजना” कहलाएगी, यह योजना भवन और अन्य संनिर्माण श्रमिक (नियोजन तथा सेवा शर्तों का विनियमन) अधिनियम 1996 की धारा 22(1) (ई) सपठित राजस्थान , नियम 2009 के नियम 57 तथा 58 के अंतर्गत प्रवर्तित की जाती हैं
  2. यह योजना सम्पूर्ण राजस्थान राज्य में प्रभावशील है 
  3. यह योजना 01 जनवरी 2016 से प्रभावी हैं

★ शिक्षा से तात्पर्य प्राथमिक कक्षा 1 से 5, उच्च प्राथमिक कक्षा 6 से 8 तक, माध्यमिक शिक्षा 9 से 10 तक, उच्च माध्यमिक 11 से 12 तक, स्नातक स्तर में बी.ए., बी. कॉम , एम.एस.सी., बी.ई., एम.बी.बी.एस.,तथा अन्य स्नातक पाठ्यक्रम, स्नातकोत्तर स्तर में एम.ए., एम.कॉम., एम.एस.सी.,एम.ई.एम.डी., एम.एस.,एम.एस.सी.आदि तथा आई.आई.टी व डिप्लोमा एवं अन्य समक्ष पाठ्यक्रम आदि शामिल हैं

★ डिप्लोमा से आशय है पोलिटेक्निक, इंजीनियरिंग तथा डिप्लोमा से है तथा अन्य डिप्लोमा से है प्रोफेशनल कोर्स से आशय चिकित्सा, अभियन्त्रिकी बी.ई. बी.टेक., एम.डी. एम.एस., एम.टेक., एम.सी.ए., आदि कोर्स से है।

★ जिन डिप्लोमा पाठ्यक्रम/कोर्सेज में दाखिला लेने की न्यूनतम शैक्षिणक योग्यता 12 वीं कक्षा निर्धारित है उनके लिए डिप्लोमा स्तर की छात्रवृति देय होगी तथा जिन डिप्लोमा या डिग्री पाठ्यक्रम/कोर्सेज में दाखिला लेने की न्यूनतम शैक्षिणिक योग्यता , स्नातक या स्नातकोत्तर परीक्षा स्तर की छात्रवृत्ति देय होगी

★ शिक्षण संस्थान, शासकीय तथा केंद्र/राज्य से मान्यता प्राप्त गैर शासकीय निजी/निजी शिक्षण/प्रशिक्षण संस्था जिसके अंतर्गत माध्यमिक उच्च माध्यमिक डिप्लोमा आदि का शिक्षण/ प्रशिक्षण कार्य संचालित किया जाता हो सभी मान्य होंगे

योजनाओं में देय हितलाभ इस योजना के अंतर्गत छात्र / छात्राओं को निम्न दर से छात्रवृति/ प्रोत्साहन राशी देय होगी :-–

छात्रवृति राशी          छात्र         छात्रा/विशेष योग्यजन

कक्षा 6 से 8 8000            9000/-

कक्षा 9 से 12 9000         10000/-

आई.टी/आई 9000      10000/-

डिप्लोमा         10000/-        11000/-

छात्रवृति राशी              छात्र    छात्रा/विशेष योग्यजन

स्नातक(सामान्य)           13000/-        15000/-

स्नातक(प्रोफेसनल)   18000/-          20000/-

स्नातकोत्तर(सामान्य)   15000/-        17000/-

स्नातकोत्तर(प्रोफेसनल)   23000/-        25000/-

मेधावी छात्र/छात्राओं को नकद पुरस्कार

कक्षा 8 से 10 राशी 4000/–

कक्षा 11 से 12 राशी 6000/-

डिप्लोमा राशी 10000/-

स्नातक राशी 8000/-

स्नातकोत्तर राशी 12000/-

स्नातक(प्रोफेसनल) राशी 25000/-

स्नातकोत्तर(प्रोफेसनल) राशी 35000/-

पात्रता एवं शर्ते

  1. इस योजना में छात्रवृति/प्रोत्साहन राशी प्राप्त करने के लिए निम्न पात्रता व शर्ते निर्धारित की गयी हैं
  2. मण्डल में हिताधिकारी के रूप में पंजीकृत निर्माण श्रमिक हो
  3. हिताधिकारी के पुत्र/पुत्री/पत्नी ही शिक्षा सहायता के लिए ही पात्र होंगे
  4. हिताधिकारी की अधिकतम दो संतान अथवा एक संतान व पत्नी को ही छात्रवृति प्राप्त करने की पात्रता होगी, परन्तु यदि पति पत्नी दोनों पंजीबद्ध हिताधिकारी हों तो पति – पत्नी के अधिकतम दो बच्चों को छात्रवृति की पात्रता होगी | परन्तु मेधावी छात्र/छात्राओं को नकद पुरस्कार के लिए कोई सीमा नहीं होगी
  5. कक्षा 6 से स्नातकोत्तर स्तर की कक्षा में सरकारी या केंद्र/ राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त निजी स्कूल या महाविद्यालय में नियमित रूप से अध्ययनरत हों अथवा
  6. राज्य में संचालित सरकारी या मान्यता प्राप्त निजी आई टी आई एवं पोलिटेक्निक पाठ्यक्रम में नियमित अध्यनरत हों
  7. मेधावी छात्र/छात्रा द्वारा नकद पुरस्कार प्राप्त करने के लिए कक्षा 8 से 12 वीं तक की परीक्षा 75% अंक या समकक्ष ग्रेड में उत्तीर्ण की हो, डिप्लोमा स्नातक व स्नातकोत्तर स्तर की परीक्षा में चिकित्सा, इंजीनियरिंग या अन्य प्रोफेशनल परीक्षा सहित 60% या अधिक अंक प्राप्त की हो/ उत्तीर्ण की हो
  8. हिताधिकारी की पत्नी को छात्रवृति की पात्रता के लिए उसकी आयु 35 वर्ष से अधिक नहीं हो तथा शिक्षण संस्थान में नियमित अध्यनरत होना जरुरी है
  9. किसी वर्ष के लिए छात्रवृति सुसंगत परीक्षा उत्तीर्ण कर लेने के पश्चात ही देय होगी
  10. ग्रीष्म आवकास के बाद शिक्षण/ प्रशिक्षण संस्था खुलने पर छात्र/छात्रा द्वारा आगामी कक्षा में प्रवेश लेने पर ही छात्रवृति की पात्रता होगी परन्तु 12 वीं कक्षा,डिप्लोमा,स्नातक अथवा स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम की अंतिम परीक्षा उतीर्ण करने की स्तिथि में आगामी कक्षा में प्रवेश लेना आवश्यक नहीं होगा
  11. अधिनियम की धारा 17तथा नियम, 2019 के नियम 45 के प्रावधान अनुसार जो हिताधिकारी लगातार एक वर्ष की कालावधि तक अंशदान जमा नही करता है तो वह हिताधिकारी नहीं रहेगा, अत: ऐसे अंशदान के जमा कराने में चुक करने वाले निर्माण श्रमिक के पुत्र/पुत्री/पत्नी को योजना के अंतर्गत छात्रवृति देय नहीं होगी परन्तु उपरोक्त धारा एवं नियम के परन्तुक के अधीन हिताधिकार पुनर्स्थापन होने पर छात्रवृति का भुगतान किया जा सकेगा

आवेदन की समय – सीमा तथा स्वीकृति की प्रक्रिया

  1. हिताधिकारी निर्धारित प्रपत्र में आवेदन पत्र स्थानीय श्रम कार्यालय अथवा मण्डल सचिव द्वारा अधिकृत अन्य अधिकारी / अन्य विभाग के अधिकारी के कार्यालय में प्रस्तुत करना होगा
  2. या आवेदन ऑनलाइन भी प्रस्तुत किया जा सकता हैं
  3. आवेदन पत्र प्रस्तुत करने की समयावधि – आवेदन पत्र कक्षा उत्तीर्ण करने की तिथि से अधिकतम 6 माह की अवधि में अथवा आने वाली 31 मार्च तक,जो भी बाद में हो प्रस्तुत किया जा सकता है
  4. उपरोक्तानुसार आवश्यक दस्तावेज सहित प्रस्तुत आवेदन पत्र के परिक्षण उपरान्त स्थानीय श्रम कार्यालय के वरिष्ट अधिकारी अथवा मण्डल सचिव द्वारा अधिकृत विभाग के अधिकारी द्वारा स्वीकृति जरी कर प्रोत्साहन राशी महिला हिताधिकारी अथवा अविवाहित पुत्री के बैंक खाते में इलेक्ट्रोनिक माध्यम से अथवा अकाउंट पेय चेक के माध्यम से किया जायेगा
आवेदन के साथ सलंग्न किये जाने दस्तावेज

  1. निर्धारित प्रपत्र में पुरे भरे हुए व सभी पूर्ति किये हुए आवेदन पत्र के साथ निम्न दस्तावेज सलंग्न किया जान आवश्यक है
  2. हिताधिकारी के पंजीयन पत्र की प्रति
  3. हिताधिकारी के बैंक खाते की पासबुक के प्रथम पृष्ठ (जिसमें हिताधिकारी का नाम बैंक खता संख्या व आई एफ एस सी कोड अंकित हो) की प्रति
  4. हिताधिकारी के आधार कार्ड तथा जन आधार कार्ड की प्रति
  5. जिस कक्षा में या कोर्स के लिए छात्रवृति चाही गई है,उसकी अंकतालिका की स्व प्रमाणित प्रति
  6. शिक्षण/प्रशिक्षण संस्था के प्रधान द्वारा प्रपत्र के निर्धारित कोलम में हस्ताक्षर एवं मुहर लगाया जाना आवश्यक है


विशेष- सक्षम अधिकारी/कार्यालय द्वारा अपूर्ण आवेदन पत्र स्वीकार नहीं किये जायेंगे तथा आवेदक को उसी समय वांछित पूर्ति हेतु लौटा दिया जाएगा

Tags

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें (0)