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तिजारा विधानसभा में उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने किया एएसडी मतदाताओं का फिजिकल वेरिफिकेशन

तिजारा विधानसभा में उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने किया एएसडी मतदाताओं का फिजिकल वेरिफिकेशन

खैरथल-तिजारा, 21 नवंबर। तिजारा विधानसभा क्षेत्र में शुक्रवार को उप जिला निर्वाचन अधिकारी एवं अतिरिक्त जिला कलेक्टर शिवपाल जाट ने एएसडी (Absentee, Shifted, Dead) श्रेणी के मतदाताओं का फिजिकल वेरिफिकेशन करते हुए चुनावी कार्यों की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की।

इस दौरान उन्होंने ग्राम पंचायत असलीमपुर के बूथ संख्या 183, ग्राम हिंगवाहेड़ा के बूथ संख्या 184, होसिंगपुर के बूथ संख्या 69 तथा कृष सोसाइटी टपूकड़ा क्षेत्र के बूथ संख्या 106 पर पहुंचकर मतदाताओं का भौतिक सत्यापन किया। उन्होंने कुल 11 हाउसहोल्ड का निरीक्षण करते हुए शिफ्ट हुए मतदाताओं का रिकॉर्ड मिलान किया। इसके साथ ही उच्च आवासीय सोसाइटियों में डोर-टू-डोर जाकर भी एएसडी मतदाताओं का सत्यापन कर आवश्यक निर्देश दिए।

उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने बीएलओ को निर्देशित किया कि वे त्रुटि-रहित फॉर्म भरते हुए कार्य को पूर्ण गुणवत्ता के साथ पूरा करें। साथ ही जिले के सभी मतदाताओं से अपील की कि वे अपना गणना प्रपत्र भरकर बीएलओ को अवश्य जमा कराएं, ताकि उनका नाम ड्राफ्ट मतदाता सूची में शामिल हो सके।

जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा 21 नवंबर को जारी 4:00 तक की प्रगति रिपोर्ट के अनुसार, जिले में डिजिटाइजेशन की कुल प्रगति अब 58.22% प्रतिशत तक पहुँच गई है। अब तक कुल 453913 गणना प्रपत्रों को ऑनलाइन किया जा चुका है। 

विधानसभा-वार प्रगति विश्लेषण

ताजा रिपोर्ट के अनुसार, जिले के तीनों विधानसभा क्षेत्रों में कार्य निष्पादन का स्तर निरंतर सुधर रहा है:

किशनगढ़ बास विधानसभा: यहाँ कुल 67.29 प्रतिशत कार्य पूर्ण कर लिया गया है, जो जिले में किसी भी ईआरओ द्वारा किया गया सर्वाधिक कार्य है। किशनगढ़ बास विधानसभा में शुक्रवार को लगभग 7.28% गणना प्रपत्र भरे गए।

मुंडावर विधानसभा: इस क्षेत्र ने भी उल्लेखनीय गति दिखाई है और 63.24 प्रतिशत प्रगति के साथ 1 दिन में लगभग 7% मतदाताओं के गणना प्रपत्र भरे गए।

तिजारा विधानसभा: यहाँ भी कार्य में स्थिरता आई है और कुल प्रगति 45.24 प्रतिशत दर्ज की गई है ।

उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने डिजिटाइजेशन की बढ़ती गति पर संतोष व्यक्त करते हुए निर्देश दिए हैं कि कार्य की गति के साथ-साथ उसकी गुणवत्ता से कोई समझौता न किया जाए। उन्होंने सभी ईआरओ एंव एईआरओ को निर्देशित किया है कि वे अपने अधीनस्थ बीएलओ को आवश्यक तकनीकी सहायता उपलब्ध कराएं और शेष बचे कार्य को निर्धारित समय सीमा के भीतर 'शून्य त्रुटि' के साथ पूर्ण करना सुनिश्चित करें।

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