संघर्ष समिति के प्रतिनिधियों ने कहा कि राज्य की भाजपा सरकार की नीतियां और मंशा जनता विरोधी प्रतीत हो रही हैं, अन्यथा उन्हें इतने लंबे समय तक सड़कों पर संघर्ष नहीं करना पड़ता। समिति का कहना है कि सरकार ने जिले की घोषणा और मुख्यालय निर्धारण जैसे महत्वपूर्ण विषय पर अब तक स्पष्ट निर्णय नहीं लिया है, जिससे जनता में आक्रोश व्याप्त है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार वास्तव में जनता का भला चाहती, तो यह संघर्ष इतना आगे नहीं बढ़ता।
कार्यक्रम की रूपरेखा के अनुसार, सुबह सद्बुद्धि हवन का आयोजन होगा, जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीण, व्यापारी, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि और आमजन भाग लेंगे। हवन के उपरांत अन्नकूट प्रसाद का वितरण किया जाएगा। समिति ने कहा कि यह हवन भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए सद्बुद्धि की कामना हेतु किया जा रहा है, ताकि वे जनता की भावनाओं को समझें और जनहित में निर्णय लें।
संघर्ष समिति ने यह भी स्पष्ट किया कि जब तक जिला खैरथल व जिला मुख्यालय के संबंध में स्पष्ट निर्णय नहीं आ जाता, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा। समिति ने जनता से अपील की है कि वे इस शांतिपूर्ण आयोजन में अधिक से अधिक संख्या में शामिल हों।
उन्होंने कहा कि संविधान ने प्रत्येक नागरिक को अभिव्यक्ति और लोकतांत्रिक विरोध का अधिकार दिया है, और यह हवन उसी संवैधानिक मर्यादा के अंतर्गत जनता की आवाज उठाने का प्रतीक है। समिति का कहना है कि आंदोलन पूरी तरह अहिंसक, लोकतांत्रिक और जनसहभागिता पर आधारित रहेगा।
इस प्रकार, 15 नवम्बर को खैरथल की अनाज मंडी एक बार फिर जनभावनाओं और संवैधानिक अधिकारों की अभिव्यक्ति का केंद्र बनेगी।
