भारत-पाकिस्तान के बीच नई पहल: बिना शर्त बनी सहमति, सिंधु जल संधि स्थगित | India Pakistan Agreement 2025

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नई दिल्ली (India-Pakistan News Update 2025):
भारत और पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक संबंधों में एक नया मोड़ आया है। पाकिस्तान की ओर से संपर्क किए जाने के बाद दोनों देशों ने बिना किसी पूर्व-शर्त के आपसी सहमति बना ली है। इस फैसले के तहत सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) सहित सभी द्विपक्षीय उपाय फिलहाल स्थगित कर दिए गए हैं। यह घटनाक्रम दक्षिण एशिया की राजनीति और शांति प्रक्रिया में बड़ा बदलाव माना जा रहा है।

भारत की आतंकवाद पर नीति यथावत: Foreign Ministry Statement

हालांकि भारत ने साफ किया है कि आतंकवाद पर उसकी नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है। विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, भारत की सुरक्षा प्राथमिकताएं पहले की तरह ही सख्त रहेंगी। एक अधिकारी ने बताया,

“आतंकवाद के मसले पर भारत का रुख स्पष्ट है — इसमें कोई समझौता नहीं होगा।”


सिंधु जल संधि स्थगन का अर्थ क्या है?

1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुई सिंधु जल संधि को अब तक सबसे स्थायी द्विपक्षीय समझौतों में माना जाता था। इस संधि के स्थगित होने का अर्थ है कि दोनों देश जल बंटवारे के समझौतों की समीक्षा या पुनर्निर्धारण की दिशा में बढ़ सकते हैं।

भारत-पाक संबंधों की पृष्ठभूमि

भारत और पाकिस्तान के संबंध पिछले कुछ वर्षों में काफी तनावपूर्ण रहे हैं, विशेष रूप से पुलवामा आतंकी हमला (2019) और अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद। इसके बाद से दोनों देशों के बीच संवाद लगभग बंद था। अब इस नई पहल से उम्मीदें जरूर जगी हैं, लेकिन आगे की राह आसान नहीं होगी।

राजनीतिक विश्लेषकों की राय

विदेश नीति विशेषज्ञों का मानना है कि यह सहमति प्रारंभिक विश्वास निर्माण (Confidence Building Measure) का हिस्सा हो सकती है। लेकिन इसका स्थायित्व इस बात पर निर्भर करेगा कि पाकिस्तान आतंकवाद पर कितनी गंभीरता दिखाता है


भारत और पाकिस्तान के बीच हुई यह बिना शर्त सहमति निश्चित ही दक्षिण एशिया में एक नई शुरुआत का संकेत देती है। हालांकि, स्थायी शांति और विश्वास तभी संभव है जब आतंकवाद और सीमा पार हिंसा पर वास्तविक कार्रवाई हो।


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