जिले का मुख्यालय किस स्थान पर स्थापित होगा, इस पर अभी भी स्पष्ट निर्णय न आने से मजदूर, किसान, छोटे व्यापारी और वे लोग जो नया व्यवसाय या प्रतिष्ठान शुरू करना चाहते हैं, सभी असमंजस की स्थिति में हैं। निवेश करना चाहिए या नहीं, इसको लेकर लोगों में चिंता बढ़ती जा रही है।
संघर्ष समिति का आरोप है कि सरकार राजनीतिक लाभ को ध्यान में रखते हुए जिला मुख्यालय को अन्यत्र स्थानांतरित करना चाहती है, जिससे आमजन में रोष है। इस मुद्दे को लेकर विधानसभा सत्र में क्षेत्रीय विधायक दीपचंद खैरिया द्वारा कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रश्न उठाने की तैयारी की जा रही है। संभव है कि आने वाले दिनों में यह मामला विधानसभा पटल पर जोरदार तरीके से उठेगा और जनता को कुछ स्पष्टता मिलेगी।
संघर्ष समिति ने सरकार से मांग की है कि वह शीघ्र निर्णय लेकर जनता की उलझनें दूर करे, ताकि क्षेत्र का विकास बाधित न हो और आमजन को भविष्य की योजनाएँ बनाने में सरलता हो सके।
आंदोलन को मजबूती देने के लिए कई सामाजिक कार्यकर्ता और स्थानीय नागरिक भी अब खुलकर समर्थन में आगे आए हैं। संदीप अग्रवाल, बंटी अग्रवाल, उमेश यादव, लालाराम यादव, एडवोकेट रविकांत जोशी, हरसोली क्षेत्र से जुड़े कई युवा संघर्ष समिति के साथ खड़े होकर आंदोलन को समर्थन दिया
