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गाँव मातोर में पहली बार आयोजित हुई धम्म देशना, गौतम बुद्ध व बाबा साहब के विचारों से गूँजा वातावरण

गाँव मातोर में पहली बार आयोजित हुई धम्म देशना, गौतम बुद्ध व बाबा साहब के विचारों से गूँजा वातावरण

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खैरथल–तिजारा। दिनांक 29 नवंबर 2025 को खैरथल तिजारा जिले के गाँव मातोर में पहली बार भव्य धम्म देशना का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में भंते करुणाशील राहुल ने गौतम बुद्ध के करुणा-प्रेम आधारित मार्ग, मध्यमार्ग की महत्ता और बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर के संघर्ष पर प्रेरक प्रवचन दिया। उन्होंने कहा कि बुद्ध का धम्म व्यक्ति को अंधविश्वास से मुक्त कर नैतिक जीवन, समानता, मैत्री और बौद्धिक स्वतंत्रता की ओर ले जाता है। उन्होंने समझाया कि आधुनिक मानव जीवन में बुद्ध का अष्टांगिक मार्ग क्यों अत्यंत आवश्यक है तथा धम्म अपनाने से समाज में शांति, सद्भाव और मानवीयता की स्थापना कैसे संभव है।

कार्यक्रम में विभिन्न ग्रामों से बड़ी संख्या में बाबा साहेब के अनुयायी, बौद्ध समाज के सदस्य और स्थानीय ग्रामीण उपस्थित रहे।
गाँव मातोर से देशराज, रामदयाल अध्यापक, सचिन राजोरिया, प्रकाश चंद, अरविंद;
गाँव रसगन से अमीलाल बौद्ध, प्रहलाद, यादराम पंच, राजवती, माया देवी, विमला बौद्ध;
खैरथल से राजेंद्र रसगोन, रघुवीर सिंह अध्यापक, गोपी चंद, जगवती;
तिनकी रूड़ी से रमेश चंद, विधा देवी;
इस्माइलपुर से ललित;
अलवर से जगदीश बौद्ध, चंद्रशेखर बौद्ध, विजय बौद्ध, शिवराम बौद्ध टपुकड़ा से शिवराम बौद्ध तुलेड़ा,
और श्योपुर से मातराम सहित अनेक श्रद्धालु शामिल हुए।

धम्म देशना के उपरांत सभी उपस्थित लोगों के लिए भोजन दान की व्यवस्था की गई, जो तिनकी रूड़ी से रमेश चंद और मातोर से देशराज द्वारा प्रदान किया गया।

कार्यक्रम शांति, सद्भावना और बुद्ध-विचारधारा के प्रसार का प्रेरक उदाहरण बनकर गाँव मातोर के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ गया।

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