❖ हरियाणा में घटना और जनाक्रोश
11 अगस्त को लापता हुई शिक्षिका मनीषा का शव 13 अगस्त को खेत से बरामद हुआ। गले पर गहरी चोटों और शरीर के हिस्सों के गायब होने ने पूरे प्रदेश को दहला दिया। परिवार ने शव लेने से इंकार कर दिया और हत्यारों की गिरफ्तारी तक अंतिम संस्कार न करने का ऐलान किया। प्रदेशभर में छात्रों, युवाओं और सामाजिक संगठनों ने मोमबत्ती मार्च और प्रदर्शन कर दोषियों को फाँसी देने की माँग की।
❖ राजस्थान में भी गूंजा विरोध
मनीषा हत्याकाण्ड की गूंज हरियाणा से निकलकर राजस्थान तक पहुँच गई। मजदूर विकास फाउंडेशन के प्रतिनिधि गज्जू पटेल, तनुज, अमित, योगेश, नितेश, मोहित सहित बड़ी संख्या में युवा साथी उपस्थित रहे।
इन सभी ने छात्र संघ और युवा-युवतियों के साथ मिलकर बानसूर और कोटपूतली-बहरोड़ में रैली निकाली। रैली के बाद आंदोलनकारियों ने SDM को ज्ञापन सौंपकर हरियाणा सरकार से दोषियों की शीघ्र गिरफ्तारी और कड़ी कार्रवाई की माँग की।
❖ युवाओं का संकल्प
प्रदर्शनकारी युवाओं का कहना था कि बेटियों पर हो रहे अत्याचार अब किसी भी राज्य की सीमाओं तक सीमित नहीं हैं। जब तक दोषियों को कड़ी सजा नहीं दी जाएगी, तब तक आंदोलन चलता रहेगा। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि कार्रवाई में देरी हुई तो राजस्थान से हरियाणा तक बड़ा जनआंदोलन खड़ा किया जाएगा।
❖ प्रशासन पर सवाल
हरियाणा में पुलिस की लापरवाही पर पहले ही सवाल उठ चुके हैं। अब राजस्थान के छात्र और सामाजिक संगठन भी यही कह रहे हैं कि "बेटियों की सुरक्षा" को लेकर पूरे उत्तर भारत में गंभीर माहौल बनाने की जरूरत है।
❖ जनआंदोलन का स्वरूप
अब यह आंदोलन केवल हरियाणा तक सीमित नहीं रहा, बल्कि राजस्थान की धरती पर भी न्याय की माँग तेज हो चुकी है। मजदूर विकास फाउंडेशन और छात्र संघों के इस कदम ने यह साबित कर दिया है कि मनीषा हत्याकाण्ड अब "सिर्फ एक केस नहीं, बल्कि महिला सुरक्षा के लिए बड़ा जनआंदोलन" बन गया है।