दलित परिवार पर प्राणघातक हमला — एससी/एसटी कोर्ट सवाईमाधोपुर ने दिए सुरक्षा के आदेश

गांव रवासा (बौंली), सवाईमाधोपुर | 05 जुलाई 2025

एक दलित परिवार पर सामूहिक हमले के मामले में एससी/एसटी विशेष न्यायालय, सवाईमाधोपुर ने बड़ा फैसला सुनाया है। न्यायालय ने जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक सवाईमाधोपुर और थानाधिकारी बौंली को निर्देश दिए हैं कि वे पीड़ित रामकेश रैगर पुत्र रधुनाथ रैगर, उनके परिवारजनों व गवाहों को एससी/एसटी एक्ट की धारा 10 व 15 ए के तहत पुलिस सुरक्षा मुहैया कराएं और इस संबंध में अदालत में रिपोर्ट प्रस्तुत करें।

यह आदेश दलित अधिकार केन्द्र जयपुर के निदेशक एडवोकेट सतीश कुमार द्वारा प्रस्तुत एक प्रार्थना पत्र के आधार पर पारित हुआ, जिसमें रामकेश रैगर और उनके परिवार पर हुए हमले की गंभीरता को लेकर न्याय की गुहार लगाई गई थी।


घटना का पूरा विवरण: 12 जून 2025 को हुआ हमला

12 जून 2025 को दोपहर करीब 3:30 बजे गांव रवासा, थाना बौंली, जिला सवाई माधोपुर में रामकेश रैगर व उनके परिवार पर गुर्जर समुदाय के करीब 22 से अधिक लोगों ने सुनियोजित षड्यंत्र के तहत हमला किया। हमलावरों ने हथियारों, लाठियों, सरियों और पत्थरों से लैस होकर रामकेश रैगर के घर में अवैध रूप से प्रवेश किया और जान से मारने के उद्देश्य से हमला किया।

हमले में शामिल नामजद आरोपी:

  1. लक्ष्मीनारायण पुत्र कल्याण
  2. देवनारायण पुत्र कल्याण
  3. छैलबिहारी पुत्र लक्ष्मीनारायण
  4. लखन पुत्र लक्ष्मीनारायण
  5. गीला गुर्जर पुत्र छैलबिहारी
  6. रामराय पुत्र घासी
  7. अंग्रेज पुत्र घासी
  8. केदार पुत्र लाला
  9. हिम्मत सिंह पुत्र रामकल्याण
  10. पायलेट पुत्र लाला
  11. श्योजीराम पुत्र भूरा
  12. बद्रीलाल पुत्र प्रभू
  13. पृथ्वीराज पुत्र मोहनलाल
  14. सुमेर पुत्र मोहनलाल
  15. आशाराम पुत्र रामकुंवार
  16. रामप्रसाद पुत्र रामकुंवार
  17. सहजराम पुत्र रामकुंवार
  18. बलराम पुत्र प्यारसिंह
  19. दिनेश पुत्र श्योनारायण
  20. पुखराज पुत्र जगन्नाथ
  21. रामावतार पुत्र पुखराज
  22. मानसिंह पुत्र जगनलाल
  23. हंसराज पुत्र देवनारायण
    (सभी आरोपी जाति गुर्जर एवं निवासी ग्राम रवासा हैं।)

जातिसूचक गालियों का प्रयोग और जानलेवा हमला

पीड़ित पक्ष ने जब हमले का विरोध किया तो आरोपियों ने "ढेड़", "चमार" जैसे जातिसूचक अपशब्दों का प्रयोग कर अपमानित किया और घातक हथियारों से हमला कर गंभीर चोटें पहुंचाई। पीड़ित परिवार का कहना है कि हमले का उद्देश्य उन्हें उनकी कब्जा शुदा जमीन से बेदखल करना और सामाजिक रूप से दबाना था।


एफआईआर और कानूनी कार्यवाही

पीड़ित रामकेश रैगर ने 12 जून 2025 को पुलिस थाना बौंली में प्राथमिकी संख्या 0198/2025 दर्ज करवाई, जिसमें आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता (BNS 2023) की निम्नलिखित धाराएं लगाई गईं:

  • धारा 189(2) – हत्या के लिए उकसाना
  • धारा 115(2) – साजिश करना
  • धारा 333 – लोक सेवक को चोट पहुंचाना
  • धारा 125 – अवैध सभा
  • धारा 351(2), 351(3) – बल प्रयोग
  • धारा 325 – गंभीर चोट पहुंचाना
    साथ ही, अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 की धाराएं:
  • धारा 3(1)(r) – जातिसूचक अपमान
  • धारा 3(2)(s) – जान से मारने की धमकी

लगातार मिल रही धमकियां

एफआईआर दर्ज होने के बाद से ही पीड़ित परिवार को गुर्जर समुदाय के आरोपियों द्वारा लगातार धमकियां मिल रही हैं कि वे अपने बयान वापस लें अन्यथा उन्हें जान से मार दिया जाएगा और उनके बाड़े पर कब्जा कर लिया जाएगा। इससे पीड़ित परिवार में गहरी दहशत है।


कोर्ट का आदेश और संवेदनशीलता

इस भयावह स्थिति को देखते हुए 1 जुलाई 2025 को विशेष न्यायाधीश, एससी/एसटी कोर्ट, सवाईमाधोपुर ने मामले की गंभीरता को समझते हुए एससी/एसटी एक्ट की धारा 10 व 15ए के तहत पुलिस सुरक्षा देने का आदेश पारित किया। कोर्ट ने यह भी निर्देशित किया कि सुरक्षा व्यवस्था की रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत की जाए।


एडवोकेट सतीश कुमार की प्रतिक्रिया

दलित अधिकार केन्द्र, जयपुर के निदेशक एडवोकेट सतीश कुमार ने इस निर्णय को न्याय की दिशा में एक अहम कदम बताया। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि सभी आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार कर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाया जाए


समाज में आक्रोश, सुरक्षा की मांग

इस घटना से दलित समुदाय में गहरा आक्रोश है। सामाजिक संगठनों ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसी घटनाओं को अंजाम देने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई हो और पीड़ित परिवार को स्थायी सुरक्षा दी जाए ताकि वे भयमुक्त जीवन जी सकें।


📌 रिपोर्ट: प्रगति न्यूज़
📍 स्थान: सवाईमाधोपुर, राजस्थान



 


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