खैरथल: गांव रसगन में बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के साइन बोर्ड से पट्टिका हटाए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस गंभीर और सामाजिक रूप से संवेदनशील घटना को लेकर स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है। ग्रामीणों की शिकायत पर खैरथल थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और पुलिस जांच में जुट गई है।
बताया जा रहा है कि बाबा साहब की पट्टिका को सुनियोजित ढंग से हटाया गया, जिसे ग्रामीणों ने समाज के संविधान निर्माता और दलितों के अधिकारों के प्रतीक बाबा साहब के प्रति अपमानजनक करार दिया है।
ग्रामीणों में गुस्सा, न्याय की मांग
गांव रसगन में बाबा साहब के विचारों को मानने वालों की संख्या काफी है। घटना के बाद वहां के युवाओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों ने एकजुट होकर थाने पहुंचकर एफआईआर दर्ज कराई और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की। लोगों का कहना है कि यह कृत्य न केवल एक व्यक्ति विशेष पर नही, बल्कि संविधान और सामाजिक समानता के मूल्यों पर हमला है।
क्या कहा पुलिस ने?
थाना खैरथल के अधिकारी ने बताया कि ग्रामीणों की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है और अज्ञात आरोपियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में जांच शुरू कर दी गई है। जल्द ही आरोपियों की पहचान कर कार्रवाई की जाएगी।
मुख्य मांगे:
- बाबा साहब की पट्टिका की पुनर्स्थापना
- आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी
- ऐसे मामलों में सख्त और उदाहरणात्मक कार्रवाई
सामाजिक संगठनों ने की चेतावनी
स्थानीय सामाजिक संगठनों और बाबा साहब के अनुयायियों ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने समय रहते सख्त कदम नहीं उठाए, तो आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।
📢 यह सिर्फ एक पट्टिका नहीं, पूरे संविधान और सामाजिक न्याय की पहचान है — उसे हटाना लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला है।