बहरोड़ (बहरोड़-कोटपूतली) — बहरोड़ नगरपरिषद क्षेत्र में वर्षों से लंबित मांग के बाद आखिरकार शौचालय का निर्माण तो हुआ, लेकिन उसकी दुर्दशा इतनी खराब है कि लोग वहां पहुंचकर बिना शौच किए ही लौटने को मजबूर हो जाते हैं। शौचालयों की सफाई व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है, जिससे आम जनता में गहरा रोष है।
मजदूर विकास फाउंडेशन के प्रतिनिधि पंकज शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि नगरपालिका प्रशासन द्वारा सफाई व्यवस्था के नाम पर हर साल लाखों रुपये खर्च किए जाते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत इसके विपरीत है। शौचालयों की नियमित सफाई न होने से वहां बदबू और गंदगी का आलम बना हुआ है, जिससे स्थानीय नागरिकों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार प्रशासन को लिखित और मौखिक शिकायतें दी गई हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। अगर समय रहते नगरपालिका प्रशासन ने उचित कदम नहीं उठाया, तो क्षेत्रवासी आंदोलन जैसे बड़े कदम उठाने पर मजबूर होंगे।
यह मुद्दा सिर्फ स्वच्छता से नहीं, बल्कि आम नागरिकों के सम्मान और स्वास्थ्य से भी जुड़ा है। प्रशासन को चाहिए कि वह तुरंत इस ओर ध्यान दे और प्रभावी सफाई व्यवस्था सुनिश्चित करे।