रिपोर्ट: अनिल बजाज, विशेष संवाददाता – प्रगति न्यूज़, मुंडावर
राजस्थान के अलवर जिले के मुंडावर कस्बे में एक पत्रकार की बेटी को अगवा करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। यह घटना तब हुई जब तीसरी कक्षा में पढ़ने वाली मासूम बच्ची, जो कस्बे के ही S.R.R स्कूल में पढ़ाई करती है, रोजाना की तरह स्कूल से लौट रही थी।
पीड़िता के पिता देवराज मीणा, जो एक सक्रिय पत्रकार हैं, ने बताया कि उनकी बेटी देविका स्कूल की ओर से संचालित निजी टेम्पो से रोजाना की तरह घर लौट रही थी। लेकिन आज जब टेम्पो ने उसे घर से करीब 200 मीटर पहले ही उतार दिया, तभी पीछे से आई दो स्कूटी सवार युवकों ने उसे जबरन अपनी गाड़ी पर बैठाने की कोशिश की।
बच्ची की हिम्मत से टला बड़ा हादसा
इस प्रयास के दौरान बच्ची ने बहादुरी दिखाई और जोर-जोर से चिल्लाना शुरू कर दिया। उसका साहस देखकर आरोपी घबरा गए और उसे वहीं छोड़कर फरार हो गए। किसी तरह डरते-सहमते वह घर पहुंची और पूरी घटना अपने पिता को बताई।
पत्रकार देवराज मीणा ने तुरंत मुंडावर थाने पहुंचकर घटना की जानकारी दी और लिखित शिकायत भी दी, लेकिन उनके अनुसार पुलिस ने न तो कोई तुरंत कार्रवाई की, और न ही बच्ची की सुरक्षा को लेकर कोई कदम उठाया।
“हम जैसे लोग जो समाज की समस्याओं को उठाते हैं, अगर हमारी बच्ची सुरक्षित नहीं है, तो आम जनता के लिए न्याय और सुरक्षा की उम्मीद कैसे की जा सकती है?”,
– देवराज मीणा, पत्रकार एवं पीड़िता के पिता
स्कूल प्रशासन पर भी उठे सवाल
इस घटना के बाद जब रिपोर्टर ने संबंधित S.R.R स्कूल के संचालक विक्रम से स्कूल की पहचान और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल किए, तो जवाब और भी हैरान कर देने वाला था। विक्रम ने बताया कि:
“स्कूल का पूरा नाम मुझे खुद नहीं पता। हम तो इसे S.R.R स्कूल ही कहते हैं। पहले मेरे जीजा स्कूल चलाते थे, अब मैं पिछले 20 सालों से चला रहा हूं।”
एक स्कूल संचालक द्वारा स्कूल के नाम की अनभिज्ञता और इस तरह की लापरवाही बच्चों की सुरक्षा पर गंभीर प्रश्नचिन्ह लगाती है।
प्रशासन और शिक्षा विभाग की चुप्पी खतरनाक
इस पूरे मामले में न तो पुलिस प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई की, और न ही स्कूल प्रबंधन ने कोई सुरक्षा सुधार उपाय बताए। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस प्रकार की घटना स्कूल समय के तुरंत बाद हुई।
🔴 प्रगति न्यूज़ की विशेष मांग:
- स्कूल द्वारा छात्रों को गंतव्य तक सही सलामत पहुँचाने की जिम्मेदारी तय हो।
- पुलिस द्वारा लापरवाही बरतने वालों पर विभागीय कार्रवाई हो।
- सभी स्कूलों को बच्चों की सुरक्षा के लिए अभिभावकों के सामने ही छोड़े जाने का निर्देश जारी हो।
📢 अगर आज यह बच्ची सजग न होती, तो शायद एक बड़ा हादसा हो जाता। यह केवल एक बच्ची का मामला नहीं, बल्कि पूरे समाज की सुरक्षा चेतना का परीक्षण है। अब यह देखना होगा कि पुलिस और प्रशासन कब जागता है।
✍️ रिपोर्ट – अनिल बजाज
📌 प्रगति न्यूज़, मुंडावर