नई दिल्ली। भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था को और अधिक समावेशी व सुलभ बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल्स के उपयोग की घोषणा की है। इस पहल का उद्देश्य भारत की भाषाई विविधता को सम्मान देना और नागरिकों को उनकी मातृभाषा में संसदीय कार्यवाही की जानकारी उपलब्ध कराना है।
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि भारत एक विशाल भाषाई संस्कृति वाला देश है, और हर नागरिक को यह अधिकार है कि वह संसद में हो रही चर्चा और निर्णयों को अपनी भाषा में समझ सके। AI तकनीक की मदद से अब संसद की कार्यवाही को विभिन्न भारतीय भाषाओं में अनुवादित कर लोगों तक पहुंचाया जाएगा।
यह पहल ना केवल भाषाई समावेशिता को बढ़ावा देगी, बल्कि लोकतांत्रिक सहभागिता को भी सशक्त बनाएगी। भारत की विविधता को ध्यान में रखते हुए यह कदम डिजिटल युग में एक नई शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह तकनीकी नवाचार देश के नागरिकों को अधिक जानकारीपूर्ण, जागरूक और लोकतंत्र के प्रति उत्तरदायी बनाएगा।