जयपुर, 3 जून 2025 — प्रदेश में न्याय की पहुँच को गांव-गांव तक ले जाने की दिशा में राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार ने ऐतिहासिक पहल की है। राज्य सरकार ने आठ नए जिला एवं सेशन न्यायालयों की स्थापना की घोषणा की है, जिससे न्यायिक व्यवस्था को और अधिक प्रभावी, सुलभ और जनोन्मुखी बनाया जा सकेगा।
घोषणा के अनुसार, जिन आठ स्थानों पर ये नए न्यायालय स्थापित किए जाएंगे, वे हैं: फलौदी, डीडवाना-कुचामन, खैरथल-तिजारा, ब्यावर, बाड़मेर, डीग, कोटपूतली-बहरोड़ और सलूंबर।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस निर्णय को "न्याय के विकेंद्रीकरण की दिशा में निर्णायक कदम" बताते हुए कहा कि इससे ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों को अब न्याय के लिए बड़े शहरों की ओर नहीं भागना पड़ेगा। साथ ही यह पहल न्यायिक प्रक्रिया में लगने वाले समय को भी घटाएगी।
जनहित में सार्थक पहल
इन न्यायालयों की स्थापना से न केवल मुकदमों के निपटारे में गति आएगी, बल्कि लंबित मामलों का बोझ भी कम होगा। इससे ज़िला स्तर पर न्यायिक ढाँचे को मजबूती मिलेगी और आमजन को समय पर न्याय मिल सकेगा। यह फैसला उन इलाकों के लिए राहत का संदेश है, जो अब तक न्यायिक व्यवस्था से अपेक्षाकृत दूर थे।
विधायिका और न्यायपालिका के समन्वय का प्रतीक
राज्य सरकार का यह निर्णय दर्शाता है कि वह विधायिका और न्यायपालिका के बीच समन्वय को प्राथमिकता दे रही है। यह कदम आने वाले वर्षों में राजस्थान को न्यायिक दृष्टिकोण से एक अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में अहम साबित हो सकता है।
राजस्थान में यह न्यायिक विस्तार न केवल विधिक सुधारों की दिशा में बड़ा कदम है, बल्कि यह सरकार की "जनकल्याणकारी न्याय" की नीति को भी दर्शाता है। इससे ना केवल न्याय प्रणाली में विश्वास बढ़ेगा, बल्कि प्रदेश की कानून व्यवस्था को भी नई दिशा मिलेगी।