जयपुर, सुप्रीम कोर्ट ने 29 मई के निर्देशों के पालन में राजस्थान सरकार ने प्रॉपर्टी खरीद-बिक्री और न्यायिक मामलों में नकद लेन-देन पर नियंत्रण को लेकर एक नया सर्कुलर जारी किया है। यह सर्कुलर राज्य में पारदर्शिता बढ़ाने और काले धन के प्रवाह को रोकने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
🔎 सर्कुलर की मुख्य बातें:
➡️ ₹2 लाख से अधिक नकद लेनदेन अनिवार्य सूचना योग्य:
अब यदि किसी व्यक्ति द्वारा प्रॉपर्टी खरीद-बिक्री या अदालती समझौतों में ₹2 लाख से अधिक की नकद राशि का लेनदेन किया जाता है, तो इसकी जानकारी अनिवार्य रूप से आयकर विभाग को देनी होगी।
➡️ नियम का उल्लंघन = दोगुना नुकसान:
अगर कोई व्यक्ति यह सूचना नहीं देता या नियमों का उल्लंघन करता है, तो जितनी नकद राशि ली गई है, उतने ही बराबर का जुर्माना उस पर लगाया जाएगा।
➡️ सरकारी अधिकारियों पर भी सख्ती:
यदि कोई संबंधित अधिकारी इस प्रकार की जानकारी छिपाता है या कार्रवाई में कोताही बरतता है, तो उसके खिलाफ भी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
🎯 सरकार का उद्देश्य:
इस सख्त नियम का उद्देश्य रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता सुनिश्चित करना, नकद लेन-देन को सीमित करना और टैक्स चोरी को रोकना है। इससे न केवल आयकर विभाग को वास्तविक जानकारी मिल सकेगी, बल्कि संपत्ति के मामलों में भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगाई जा सकेगी।
राजस्थान सरकार का यह निर्णय कानून व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक