पायलट ने कहा, “हमारी सेना की बहादुरी पर हमें गर्व है, लेकिन इस हमले के बाद जिस तरह सीजफायर की बात सामने आई, वह चिंता का विषय है।” उन्होंने सवाल उठाया कि जब भारत और पाकिस्तान के बीच कोई द्विपक्षीय संवाद नहीं चल रहा है, तो सीजफायर की घोषणा अमेरिका के जरिए क्यों हो रही है? क्या यह भारत की विदेश नीति की कमजोरी दर्शाता है?
उन्होंने यह भी कहा कि सीजफायर के बाद भी पाकिस्तान की ओर से बमबारी हो रही है, जो बेहद गंभीर और चिंताजनक है। इससे सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले नागरिकों की सुरक्षा खतरे में पड़ रही है।
सचिन पायलट ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) भारत का अभिन्न हिस्सा है। इस पर कोई समझौता नहीं हो सकता। सरकार को चाहिए कि वह देश की जनता के सामने अपनी नीति और कूटनीतिक स्थिति को साफ़ करे।”
पायलट के इस बयान को जहां राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति के मुद्दों पर कांग्रेस की मुखरता माना जा रहा है, वहीं यह सरकार के लिए राजनीतिक दबाव भी बढ़ा सकता है।