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घरेलू हिंसा रोकथाम अधिनियम 2005 (DV Act 2005) के तहत महिलाओं को संरक्षण प्राप्त है लेकिन पुरुष को भी दिया जा सकता है संरक्षण

घरेलू हिंसा रोकथाम अधिनियम 2005 (DV Act 2005) के तहत महिलाओं को संरक्षण प्राप्त है लेकिन पुरुष को भी दिया जा सकता है संरक्षण

घरेलू हिंसा रोकथाम अधिनियम 2005 (DV Act 2005) के तहत महिलाओं को संरक्षण प्राप्त है। 

लेकिन 2023 में दिल्ली की एक अदालत ने पहली बार(देश में दूसरी बार) महिला से पुरुष को प्रताड़ित करने पर जवाब मांगने के लिए नोटिस जारी किए थे।


पुरुष ने इस कानून के तहत अदालत से पत्नी और उसके मायके वालों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की थी,जिस पर कड़कड़डूमा मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने इस शिकायत पर संज्ञान लेते हुए पत्नी और उसके माता पिता भाई बहन के नाम नोटिस जारी किए,इसके अलावा अदालत ने महिला के 2 पुरुष मित्रो को भी नोटिस जारी किए।


अदालत ने नोटिस जारी करने से पूर्व शिकायतकर्ता पुरुष के अधिवक्ता से कहा कि यह अधिनियम सिर्फ महिलाओं को संरक्षण प्रदान करता है फिर पुरुष को इससे कैसे राहत मिलेगी, जिस पर अधिवक्ता ने कर्नाटक हाईकोर्ट के 2017 के आदेश का जिक्र किया जिसमे कहा गया था की यदि DV Act 2005 के तहत महिला को संरक्षण प्रदान किया जाता है तो इसी कानून के तहत हिंसा का शिकार होने पर पुरुष को भी संरक्षण दिया जा सकता है।


इसके बाद अदालत ने महिला और उसके परिजनों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया। पुरुष ने DV Act की धारा 18 के तहत दाखिल शिकायत में संरक्षण मांगा था साथ ही पति ने 36 लाख रुपए का मुआवजा भी मांगा था।


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