3-दिन से 700 फीट गहरे बोरवेल में 3-साल की बच्ची:120 फीट पर अटकी, टूटने लगा परिजनों का सब्र; सुरंग बनाकर रेस्क्यू की कोशिश

3-दिन से 700 फीट गहरे बोरवेल में 3-साल की बच्ची:120 फीट पर अटकी, टूटने लगा परिजनों का सब्र; सुरंग बनाकर रेस्क्यू की कोशिश




कोटपूतली में 700 फीट गहरे बोरवेल में गिरी 3 साल की चेतना का रेस्क्यू तीसरे दिन भी नहीं हो सका है। बोरवेल के समानांतर पाइलिंग मशीन से एक और गड्ढा खोदा जा रहा है। सुरंग बनाकर बच्ची को रेस्क्यू करने का प्रयास किया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि अब भी 110 फीट और खुदाई बाकी है।


LIVE

3-दिन से 700 फीट गहरे बोरवेल में 3-साल की बच्ची:120 फीट पर अटकी, टूटने लगा परिजनों का सब्र; सुरंग बनाकर रेस्क्यू की कोशिश

कोटपूतलीकुछ ही क्षण पहले


बोरवेल में फंसी चेतना का मूवमेंट दो दिन से कैमरे में कैद नहीं हुआ है।

बोरवेल में फंसी चेतना का मूवमेंट दो दिन से कैमरे में कैद नहीं हुआ है।

कोटपूतली में 700 फीट गहरे बोरवेल में गिरी 3 साल की चेतना का रेस्क्यू तीसरे दिन भी नहीं हो सका है। बोरवेल के समानांतर पाइलिंग मशीन से एक और गड्ढा खोदा जा रहा है। सुरंग बनाकर बच्ची को रेस्क्यू करने का प्रयास किया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि अब भी 110 फीट और खुदाई बाकी है।



मंगलवार को हुक से ऊपर खींचने के देसी जुगाड़ के फेल होने के बाद से चेतना 120 फीट पर अटकी है। करीब 150 फीट की खुदाई के बाद चेतना तक सुरंग खोदकर पहुंचने का प्रयास होगा। साथ ही एल बैंड (देसी जुगाड़) से भी चेतना को बाहर खींचने की कोशिश की जा रही है। हालांकि पाइलिंग मशीन से गड्‌ढा खोदने का काम बुधवार को दिन में साढ़े चार घंटे रुका रहा।


इससे पहले मंगलवार शाम तक किए गए चार देसी जुगाड़ में टीमों को सफलता नहीं मिली थी। दरअसल, किरतपुर के बड़ीयाली की ढाणी की चेतना चौधरी सोमवार दोपहर करीब 1:50 बजे खेलते समय बोरवेल में गिर गई थी। मंगलवार सुबह से चेतना का मूवमेंट भी नहीं दिख रहा है। बच्ची के परिजनों का सब्र टूटने लगा है। वे बस यही दुआ कर रहे हैं कि उनकी बच्ची सुरक्षित बोरवेल से निकाल ली जाए।


28 घंटे तक फैसला ही नहीं कर सके अधिकारी मंगलवार रात करीब 12 बजे कोटपूतली उपखंड अधिकारी बृजेश कुमार ने मीडिया को बताया- बच्ची को बचाने के लिए लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। हमारा पहले प्लान A था कि बच्ची को अलग-अलग उपकरणों की मदद से बोरवेल से बाहर निकाल लें। उसमें सफलता नहीं मिली तो हम प्लान B पर आए हैं।


अब हम पाइलिंग मशीन के जरिए गड्ढा खोद रहे हैं। इधर, बच्ची के दादा हरसहाय चौधरी ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया। उन्होंने कहा- प्रशासन कह रहा है कि हम मिट्टी हटा रहे हैं। फिर 28 घंटे बाद मशीन से गड्ढा खोदने का फैसला किया।

Sources bhaskar

 


Bharat Ka Apna Payments App-a UPI Payment App! 

Flat Rs 20 Cashback on Prepaid Mobile Recharge of Rs 199 and Above