🌿अनोखे अंदाज़ में मनाया जन्मदिन — प्रकृति, सेवा और संकल्प के साथ
अनिल बजाज — ब्यूरो चीफ़, खैरथल-तिजारा
नीमराना में जिला मंत्री एवं पूर्व प्रधान सविता मनोज यादव ने अपने बेटे मोहित यादव का जन्मदिन कुछ अलग और प्रेरणादायक तरीके से मनाकर एक मिसाल पेश की।
जहाँ आजकल जन्मदिन पार्टियों में महंगे होटल, केक और पिकनिक पर लाखों रुपये खर्च करने का चलन बढ़ गया है, वहीं उन्होंने इस फिजूलखर्ची से दूर रहकर प्रकृति को संवारने और गौसेवा का मार्ग चुना।
🌱 पौधारोपण से शुरू हुआ उत्सव
जन्मदिन के मौके पर विश्व रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर पार्क, नीमराना में 11 पौधे लगाए गए।
इसके अलावा स्वर्ग आश्रम चौपाल और अन्य स्थानों पर छायादार पौधे जैसे —
बरगद, पीपल, नीम, आम, जामुन और पापड़ी — रोपे गए।
🐄 गौमाता की सेवा और संकल्प
कार्यक्रम के दौरान आवारा घूम रही गौमाताओं को गुड़ खिलाकर सेवा की गई और लोगों को भी प्रकृति और जीव-जंतुओं की सेवा का संकल्प दिलाया गया।
💬 सविता मनोज यादव का संदेश
उन्होंने कहा:
“अगर हमें शुद्ध ऑक्सीजन लेनी है, तो हम सभी को जीवन में अधिक से अधिक वृक्षारोपण करना चाहिए।
कोरोना काल में हमने हजारों लोगों को ऑक्सीजन के बिना तड़पते हुए अपनी जान गंवाते देखा है।
अगर हर व्यक्ति अपने जन्मदिन पर कम से कम 11 पेड़ लगाए, तो औसतन 60-70 साल की उम्र में एक इंसान 700 से ज्यादा पेड़ लगा सकता है।
यही हमारे जीवन और पर्यावरण को सुंदर बनाने का सबसे आसान तरीका है।”
👥 कार्यक्रम में मौजूद गणमान्य
इस अवसर पर कई गणमान्य और सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे, जिनमें प्रमुख थे —
- राकेश खंडेलवाल, भाजपा मंडल अध्यक्ष नीमराना
- सुरेश चंद रेवाड़िया, जिला अध्यक्ष राजस्थान मेघवाल परिषद
- माया देवी, महिला जिला अध्यक्ष
- नोटराम निमोरिया, जिला सचिव
- राजू सिंह, जिला उपाध्यक्ष
- एडवोकेट रामनिवास सामरिया, ब्लॉक सचिव
- परिष्कार पब्लिक स्कूल निदेशक दिनेश कुमार
- हवलदार मनीष कुमार मोरोड़िया, ओमप्रकाश सामरिया, महेन्द्र सिंह, भूपसिंह ठेकेदार, संतोष देवी, नीशा देवी, शारदा देवी, दीपांशी, शीला, किरण, अशोक कुमार, गंगाराम भगत, पत्रकार अनिल बजाज सहित कई ग्रामीण व महिलाएं बड़ी संख्या में मौजूद थीं।
📌 संदेश जो दिलों में उतर गया
इस जन्मदिन समारोह ने यह साबित किया कि सच्ची खुशी सिर्फ जश्न में नहीं, बल्कि समाज और पर्यावरण के लिए किए गए अच्छे कार्यों में है।
सविता मनोज यादव और उनके बेटे मोहित यादव का यह कदम आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बन सकता है।