जयपुर, 30 जुलाई 2025 — राजस्थान के शहरी इलाकों में सड़कों की ऊंचाई बढ़ने और जलभराव की बढ़ती समस्या को देखते हुए राज्य सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। स्थानीय स्वशासन विभाग (Local Self Government Department) ने सभी नगर निकायों को निर्देश दिए हैं कि वे सड़क निर्माण में अब से पुरानी डामर की मिलिंग और रीसाइकलिंग तकनीक का उपयोग अनिवार्य रूप से करें।
इस संबंध में विभाग ने 29 जुलाई 2025 को एक आदेश जारी किया है, जिसमें शहरी विकास एवं आवासन विभाग (UDH) की 6 जून 2025 की सर्कुलर का हवाला देते हुए स्पष्ट किया गया है कि बार-बार नई परतें बिछाने से सड़कों का स्तर आसपास के मकानों से ऊँचा हो गया है, जिससे बारिश में जलभराव और ड्रेनेज की समस्या पैदा होती है।
क्या है 'मिल एंड फिल पॉलिसी'?
'मिल एंड फिल' तकनीक के तहत, सड़क की पुरानी डामर परत को पहले मिलिंग मशीन से हटाया जाता है और फिर उस सामग्री को प्रोसेस कर दोबारा उसी सड़क पर बिछाया जाता है। इससे:
- सड़कों की ऊंचाई नहीं बढ़ती,
- पर्यावरणीय नुकसान कम होता है,
- प्राकृतिक संसाधनों की बचत होती है,
- और सरकारी बजट पर भी बोझ नहीं पड़ता।
NHAI ने भी दी सहमति
आदेश में यह भी उल्लेख किया गया है कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने पहले ही कई सर्कुलर जारी कर रीसाइकल डामर को 100% नए डामर जितना ही प्रभावशाली बताया है।
अब सभी नगर निकायों को करना होगा पालन
राज्य के सभी नगर निगम, नगर परिषद और नगर पालिकाओं को यह नीति तत्काल प्रभाव से लागू करनी होगी। सभी शहरी सड़क परियोजनाओं में अब इसी तकनीक का उपयोग अनिवार्य किया गया है। आदेश पर डायरेक्टर कम स्पेशल सेक्रेटरी श्री जुईकर प्रतीक चंद्र शेखर के डिजिटल हस्ताक्षर हैं।
यह नीति यदि सख्ती से लागू की गई, तो न केवल शहरी बुनियादी ढांचे में सुधार होगा, बल्कि बरसात के मौसम में जलभराव और नागरिकों को हो रही परेशानी भी काफी हद तक कम होगी।