अलवर: फर्जी जाति प्रमाण पत्र से नौकरी करने वाले शिक्षक बर्खास्त

 
📍 राजस्थान, खैरथल-तिजारा जिले से बड़ी खबर

राजस्थान के खैरथल-तिजारा जिले में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के ज़रिए सरकारी नौकरी हासिल करने का मामला सामने आया है। देवदत्त आर्य, जो मूलतः ओबीसी वर्ग से संबंधित है, ने एसटी वर्ग का फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर वर्ष 2005 में वरिष्ठ अध्यापक (जीव विज्ञान) के पद पर नौकरी पाई थी। अब 19 साल बाद इस फर्जीवाड़े का खुलासा होने पर उसे बर्खास्त कर दिया गया है

🔍 जांच में हुआ खुलासा

शिकायत मिलने के बाद शिक्षा विभाग ने मामले की जांच करवाई। जांच में यह प्रमाणित हो गया कि देवदत्त आर्य द्वारा प्रस्तुत एसटी प्रमाण पत्र फर्जी है। इसके बाद निदेशक माध्यमिक शिक्षा ने बर्खास्तगी के आदेश जारी कर दिए

🏫 वर्तमान पद

देवदत्त आर्य वर्तमान में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, धमरेड (राजगढ़) में व्याख्याता के पद पर कार्यरत था।

📈 पदोन्नति भी फर्जी आधार पर

वर्ष 2011-12 की डीपीसी में देवदत्त को वरिष्ठ अध्यापक से व्याख्याता के पद पर पदोन्नति मिली थी — जो कि अब स्पष्ट रूप से फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर मिली मानी जा रही है।


❗ सवाल उठते हैं...

  • क्या 19 साल तक यह फर्जीवाड़ा सिस्टम से छुपा रहा?
  • जिन योग्य अभ्यर्थियों का हक मारा गया, उन्हें न्याय कैसे मिलेगा?
  • अब तक मिली सैलरी और सुविधाएं वापस ली जाएंगी?

 


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