IAS का नमस्कार विवाद: क्या प्रशासन राजनीति के दबाव में है?

जयपुर, राजस्थान की राजनीति और प्रशासन के गलियारों में उस वक्त हलचल मच गई जब चर्चित आईएएस अधिकारी टीना डाबी को सार्वजनिक रूप से भाजपा नेता और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया के सामने पाँच बार झुककर नमस्कार करते देखा गया। यह दृश्य कैमरे में कैद हुआ और अब सोशल मीडिया से लेकर जनचर्चा का विषय बना हुआ है।

कहते हैं "अतिथि देवो भव", लेकिन अगर अतिथि राजनीतिक हो और सामने अफसर हो, तो शायद नमस्कार की संख्या भी वोट बैंक की तरह बढ़ती जाती है!

क्या यह सम्मान था या दबाव?
क्या यह विनम्रता थी या विवशता?

एक अधिकारी का काम जनता की सेवा करना है, नेताओं की चाटुकारिता नहीं। ऐसे दृश्य यह सोचने पर मजबूर कर देते हैं कि क्या प्रशासनिक पदों पर बैठे लोग राजनीतिक आकाओं के सामने नतमस्तक होकर "स्वतंत्र शासन व्यवस्था" की आत्मा का गला घोंट रहे हैं?

जहाँ एक ओर सरकारें "अफसरशाही में सुधार" की बात करती हैं, वहीं दूसरी ओर एक अफसर का बार-बार झुकना बताता है कि लोकतंत्र अब सिर्फ चुनाव तक सीमित रह गया है।

सरकार को चाहिए कि वो इस दृश्य को "Good Governance" की मिसाल न मानें, बल्कि आत्ममंथन करें कि अफसर किसके लिए झुक रहे हैं – जनसेवा के लिए या सत्ता के सामने?

  • अगर यह वीडियो या दृश्य किसी विशेष संदर्भ (समारोह, परंपरा आदि) के अंतर्गत है तो उसकी भी जांच जरूरी है।
  • इस लेख का उद्देश्य किसी व्यक्ति विशेष का अपमान नहीं, बल्कि व्यवस्था पर कटाक्ष है।

 


Bharat Ka Apna Payments App-a UPI Payment App! 

Flat Rs 20 Cashback on Prepaid Mobile Recharge of Rs 199 and Above