चिमरावली सिक्ख (लक्ष्मणगढ़), अलवर दलित अधिकार केन्द्र के तत्वावधान में लक्ष्मणगढ़ तहसील के गांव चिमरावली सिक्ख में एक सामुदायिक जागरूकता बैठक का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में ग्रामीण समुदाय को दलित अधिकारों, महिला सशक्तिकरण तथा संवैधानिक प्रावधानों के बारे में जानकारी दी गई।
बैठक को संबोधित करते हुए जिला समन्वयक शैलेष गौतम ने बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के जीवन संघर्ष पर प्रकाश डाला। उन्होंने भारतीय संविधान के निर्माण, उसमें निहित मौलिक अधिकार, राज्य के नीति निदेशक तत्व तथा सामाजिक समानता के सिद्धांतों की व्याख्या की।
शैलेष गौतम ने कहा,
"संविधान ने हर नागरिक को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक समानता के साथ सम्मानपूर्वक जीवन जीने का अधिकार दिया है, लेकिन आज भी जातिगत और लिंग भेदभाव जैसी कुरीतियां समाज में जीवित हैं।"
उन्होंने एससी-एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989, पॉक्सो एक्ट, और एससी-एसटी डेवलपमेंट फंड एक्ट 2022 जैसे महत्वपूर्ण कानूनों की जानकारी दी।
कार्यक्रम में सामाजिक कार्यकर्ता बने सिंह जाटव ने कहा,
"दलित महिलाएं बहुआयामी भेदभाव का सामना करती हैं — जिसमें जाति, लिंग और आर्थिक स्थिति प्रमुख हैं। उन्हें अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होना जरूरी है, और शिक्षा ही सशक्तिकरण का रास्ता है।"
बैठक में प्रेमचंद वर्मा, रोशन लाल, रमेशचन्द और बबीता ने भी अपने विचार रखे और दलित एवं महिला अधिकारों पर जागरूकता फैलाने की जरूरत बताई।
शैलेष गौतम
जिला समन्वयक, दलित अधिकार केन्द्र, अलवर
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