पूर्व प्रधान सम्मी चौधरी बने कोर कमेटी अध्यक्ष, 18 जून को कलेक्टर को सौंपा जाएगा ज्ञापन
पेहल, खैरथल-तिजारा: पनियाला से बड़ौदा मेव तक प्रस्तावित नेशनल हाईवे 148-बी प्रोजेक्ट में सर्विस रोड के अभाव को लेकर ग्रामीणों में गहरा असंतोष है। रविवार को 20 गांवों के हजारों लोगों ने पेहल गांव स्थित सैयद बाबा मंदिर परिसर में विशाल बैठक कर विरोध जताया। इस बैठक की अध्यक्षता पूर्व प्रधान सम्मी चौधरी (पीपली) ने की।
बैठक में गांवों की एकजुटता दिखाई दी
बैठक में टेहड़की, ढेलावास, गोपीपुरा, टेंहडका, काली पहाड़ी, ततारपुर, रानौठ, रायपुर, सुखमनहेड़ी, नांगल बावला, बड़ली की ढाणी, इकरोटियां, मातोर, चकोलिया, नंगली ओझा, पेहल, बनेठी, मोहम्मदपुर, रसगण सहित 20 गांवों से ग्रामीण शामिल हुए।
ग्रामीणों ने बताया कि हाईवे गांवों के बीच से गुजर रहा है, लेकिन सर्विस रोड नहीं होने से कनेक्टिविटी, व्यापार, आवागमन और आपात सेवाएं बुरी तरह प्रभावित होंगी।
कोर कमेटी गठित, आंदोलन की तैयारी
बैठक में सभी गांवों की सहमति से एक कोर कमेटी बनाई गई है, जिसके अध्यक्ष सम्मी चौधरी को बनाया गया। हर गांव से 5 प्रतिनिधि चुने गए हैं, जो आगामी रणनीति बनाएंगे।
ज्ञापन सौंपने का ऐलान
ग्रामीणों ने निर्णय लिया है कि 18 जून (बुधवार) को सुबह 10 बजे पुनः पेहल में एकत्र होकर जिला कलेक्टर खैरथल-तिजारा को ज्ञापन सौंपा जाएगा, जिसमें हाईवे के दोनों ओर सर्विस रोड निर्माण की मांग की जाएगी। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि मांग नहीं मानी गई तो आंदोलनात्मक कदम उठाए जाएंगे।
ग्रामीणों की प्रमुख चिंताएं:
- दुर्घटना का खतरा: हाईवे पर तेज रफ्तार में चलने वाले वाहनों से दुर्घटनाएं बढ़ेंगी।
- कनेक्टिविटी टूटेगी: किसानों, विद्यार्थियों और आम नागरिकों की आवाजाही बाधित होगी।
- आपात सेवाएं प्रभावित होंगी: एम्बुलेंस, पुलिस और अन्य सेवाएं गांवों तक नहीं पहुँच सकेंगी।
- स्थानीय व्यापार पर असर: सड़क किनारे की दुकानें, ढाबे, मंडियां प्रभावित होंगी।
सम्मी चौधरी ने कहा:
"यह केवल एक सड़क नहीं, हमारी जीवन रेखा है। अगर सर्विस रोड नहीं बनी तो गांवों का शहरों से सीधा संपर्क टूट जाएगा। सरकार को चाहिए कि हर गांव तक पहुंचने योग्य सुगम रास्ता सुनिश्चित करे।"
क्या है हाईवे 148-बी प्रोजेक्ट?
- यह प्रोजेक्ट पनियाला से बड़ौदा मेव तक प्रस्तावित है।
- कुल लंबाई लगभग 80 किलोमीटर है।
- यह कोटपुतली-बहरोड़ और अलवर जिले के लिए विकास का अहम मार्ग है।
- ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है।
सरकार की चुप्पी बनी चिंता का कारण
हालांकि मुख्य हाईवे का निर्माण कार्य तेज़ी से चल रहा है और भूमि अधिग्रहण भी हो चुका है, लेकिन सर्विस लाइन को लेकर सरकार की ओर से कोई स्पष्ट घोषणा नहीं हुई है, जिससे ग्रामीणों में नाराजगी है।