बहरोड़ में रिश्वतखोरी का बड़ा खुलासा: SDM के रीडर ललित यादव 70 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार

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कोटपूतली-बहरोड़, 22 मई 2025: राजस्थान में भ्रष्टाचार के खिलाफ जारी मुहिम के तहत आज एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की स्पेशल यूनिट-II ने बहरोड़ उपखंड कार्यालय में तैनात वरिष्ठ सहायक (रीडर) ललित कुमार यादव को 70,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। यह रकम कथित रूप से उपखंड अधिकारी (SDM) रामकिशोर मीणा के लिए ली जा रही थी।

शिकायत के आधार पर हुई कार्रवाई

प्राप्त जानकारी के अनुसार, आरोपी ललित यादव ने एक परिवादी से उसकी भूमि पर लघु ईंट भट्ठा लगाने के संबंध में दिए गए सम्परिवर्तन आदेश को निरस्त करने की एवज में 1 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी। लंबे समय से परेशान चल रहे पीड़ित ने अंततः ACB मुख्यालय को इसकी शिकायत दी।

शिकायत की गंभीरता को देखते हुए ACB मुख्यालय के निर्देश पर विशेष टीम का गठन किया गया। जयपुर यूनिट-II के प्रभारी अधिकारी महावीर प्रसाद के नेतृत्व में उप अधीक्षक विजय सिंह और अन्य सदस्यों की टीम ने ट्रैप की कार्यवाही को अंजाम दिया। यह पूरी कार्रवाई ACB के पुलिस उपमहानिरीक्षक अनिल कयाल के सुपरवीजन में हुई।

SDM के लिए ली जा रही थी रिश्वत

जांच में सामने आया है कि ललित यादव जो रकम ले रहा था, वह SDM रामकिशोर मीणा के लिए थी। हालांकि अभी तक SDM की गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन उनकी भूमिका संदेह के घेरे में है और ACB ने मामले में जांच शुरू कर दी है।

ACB प्रमुख ने दी जानकारी

ACB के महानिदेशक डॉ. रवि प्रकाश मेहरडा ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि ब्यूरो को इस आशय की शिकायत प्राप्त हुई थी कि आरोपी पीड़ित से रिश्वत की मांग कर रहा है। उन्होंने कहा कि ACB पारदर्शी प्रशासन के लिए प्रतिबद्ध है और ऐसे मामलों में कठोरतम कार्रवाई जारी रहेगी।

आगे की जांच जारी

ACB उपमहानिरीक्षक (तृतीय) राजेश कुमार सिंह की निगरानी में अब SDM की भूमिका की भी गहन जांच की जा रही है। सूत्रों की मानें तो यदि SDM की संलिप्तता प्रमाणित होती है तो उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।

पहले भी सामने आ चुके हैं ऐसे मामले

गौरतलब है कि बहरोड़ और कोटपूतली क्षेत्र में इससे पहले भी सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार के मामले सामने आते रहे हैं। यह ताजा प्रकरण दर्शाता है कि प्रशासनिक पारदर्शिता अब भी एक गंभीर चुनौती बनी हुई है। आमजन का कहना है कि सरकारी कामकाज के लिए उन्हें अक्सर भ्रष्ट तंत्र का सामना करना पड़ता है।

— ताराचन्द खोयड़ावाल, प्रगति न्यूज़

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