खैरथल/तिजारा: जहाँ एक तरफ सरकार भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन के नारे दे रही है, वहीं दूसरी ओर कुछ सरकारी कर्मचारी इन नारों पर पानी फेरने में लगे हुए हैं। ऐसा ही एक ताज़ा मामला सामने आया है राजस्थान के खैरथल-तिजारा क्षेत्र से, जहाँ पटवारी अशोक कुमार जाट को ACB अलवर की टीम ने एक हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया।
मामला खैरथल के मातौर हल्के का है। आरोप है कि पटवारी अशोक कुमार जाट ने एक ग्रामीण से इंतकाल खोलने के एवज में घूस की मांग की। ग्रामीण ने यह बात एसीबी को बताई, जिसके बाद एजेंसी ने तत्काल मामले की वेरिफिकेशन कर ट्रैप की योजना बनाई।
जैसे ही रिश्वत की तय रकम पटवारी ने ली, वैसे ही ACB की टीम ने मौके पर दबिश दी और पटवारी को रिश्वत की रकम के साथ पकड़ लिया। अब वही कलम, जिससे पटवारी जमीन-जायदाद के कागज़ों पर दस्तखत करता था, उसी के खिलाफ केस दर्ज करने की इबारत बन गई है।
हर दिन ACB की गिरफ्त में कोई न कोई "सिस्टम का सौदागर"
राजस्थान के कई जिलों में ACB की टीमें रोज़ाना भ्रष्ट कर्मचारियों पर शिकंजा कस रही हैं। बावजूद इसके, घूसखोरी की प्रवृत्ति थमने का नाम नहीं ले रही। सरकारी दफ्तरों में ‘काम के बदले दाम’ की सोच अब भी जड़ें जमाए हुए है।
ACB की इस कार्रवाई के बाद एक बार फिर सवाल उठ खड़ा हुआ है — क्या डर नाम की कोई चीज़ इन अफसरों में बची है?
जनता से अपील, भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलें बेख़ौफ़
एसीबी ने आमजन से अपील की है कि वे ऐसे मामलों में चुप न रहें। कोई भी कर्मचारी यदि काम के बदले पैसा मांगता है, तो तुरंत ACB को सूचित करें। आपकी एक आवाज़ से न सिर्फ आपका हक़ मिलेगा, बल्कि व्यवस्था को भी झकझोरा जा सकेगा।