मुरैना में जाटव महापंचायत: सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ ऐतिहासिक शपथ, हजारों लोग हुए शामिल

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मुरैना में जाटव महापंचायत: सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ ऐतिहासिक शपथ, हजारों लोग हुए शामिल

मुरैना, मध्यप्रदेश: मुरैना जिले में जाटव समाज की ऐतिहासिक महापंचायत का आयोजन हुआ, जिसमें हजारों की संख्या में समाजजनों ने भाग लिया। यह महापंचायत सामाजिक कुरीतियों को समाप्त करने की दिशा में एक निर्णायक कदम साबित हुई। इस आयोजन में समाज के लोगों ने एकजुट होकर दहेज प्रथा, मृत्युभोज, झूठे केस, फिजूलखर्ची, DJ-बैंड-बाजा संस्कृति जैसी कुरीतियों को त्यागने की सार्वजनिक शपथ ली।

महापंचायत का उद्देश्य: समाज सुधार की ओर ठोस पहल

इस महापंचायत का मुख्य उद्देश्य जाटव समाज के भीतर फैली उन परंपराओं और बुराइयों को समाप्त करना था जो आर्थिक, सामाजिक और नैतिक रूप से समाज को कमजोर कर रही हैं। पंचायत में यह स्पष्ट संदेश दिया गया कि अब समय आ गया है कि समाज अपनी बुराइयों को पहचान कर उन्हें खत्म करे।

ली गई प्रमुख शपथें:

महापंचायत में मौजूद लोगों ने निम्नलिखित कुरीतियों को समाप्त करने का संकल्प लिया:

  • दहेज प्रथा का बहिष्कार: बेटी को बोझ नहीं, वरदान समझें।
  • मृत्युभोज बंद: मृत्यु के बाद दिखावा नहीं, सादगी और सहानुभूति हो।
  • झूठे मुकदमे न दर्ज कराना: समाज में झूठ और बदले की भावना का विरोध।
  • DJ-बैंड-बाजे की फिजूलखर्ची बंद: शादी-ब्याह को सादगी से मनाना।
  • सत्य के मार्ग पर चलना: सत्य, अहिंसा और समता के सिद्धांतों को अपनाना।

महिलाओं और युवाओं की विशेष भागीदारी

इस महापंचायत में महिलाओं और युवाओं की भागीदारी विशेष रूप से देखने को मिली। युवाओं ने कहा कि वे समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए तैयार हैं और इस मुहिम को गांव-गांव, गली-गली तक पहुँचाएंगे।

सामाजिक जागरूकता का संकल्प

पंचायत में यह भी तय किया गया कि इस अभियान को केवल एक दिन की पहल न बनाकर एक आंदोलन के रूप में आगे बढ़ाया जाएगा। अगली महापंचायत में समीक्षा की जाएगी कि कितने परिवारों ने इन कुरीतियों को सच में त्यागा है।


मुरैना की जाटव महापंचायत समाज के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण बनकर सामने आई है। यह न केवल सामाजिक एकता की मिसाल है, बल्कि एक ऐसे समाज की शुरुआत है जो अपने अंदर की बुराइयों को खत्म करके एक नई दिशा में अग्रसर हो रहा है।



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