जयपुर, अप्रैल 2025: देश-विदेश की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटियों में पढ़ाई के लिए दी जा रही विवेकानंद स्कॉलरशिप योजना अब सवालों के घेरे में आ गई है। राजस्थान हाईकोर्ट ने इस स्कॉलरशिप की E3 श्रेणी (जिसमें 25 लाख से अधिक सालाना आय वाले परिवारों के छात्र शामिल हैं) के तहत अगली किश्त जारी करने पर रोक लगा दी है।
कोर्ट ने इस फैसले में कहा है कि इस योजना का उद्देश्य गरीब और प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के अवसर उपलब्ध कराना है। लेकिन वास्तविकता में इसका लाभ प्रभावशाली और उच्च आय वर्ग के छात्र उठा रहे हैं, जिससे इस योजना की मूल भावना को ठेस पहुंची है।
क्या है विवेकानंद स्कॉलरशिप योजना?
राजस्थान सरकार की यह योजना छात्रों को देश-विदेश की नामी यूनिवर्सिटियों में फ्री या सब्सिडी के साथ पढ़ने का अवसर देती है। इसमें आय के आधार पर तीन श्रेणियां बनाई गई हैं, जिनमें E3 सबसे उच्च आय वर्ग की कैटेगरी है।
हाईकोर्ट की सख्ती
हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि स्कॉलरशिप का असली हकदार वही छात्र होना चाहिए जो आर्थिक रूप से कमजोर हो लेकिन पढ़ाई में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहा हो। कोर्ट ने सरकार से इस मामले में अगली सुनवाई तक विस्तृत जवाब मांगा है।
आगे क्या?
अब निगाहें सरकार की तरफ हैं कि वह इस योजना में पारदर्शिता लाने के लिए क्या कदम उठाती है। क्या E3 कैटेगरी को पूरी तरह समाप्त किया जाएगा या इसमें कोई नई गाइडलाइन बनेगी — यह आने वाले समय में साफ होगा।