लखनऊ (उत्तर प्रदेश समाचार): डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल ने समाजवादी पार्टी पर डॉ. भीमराव आंबेडकर की तस्वीर के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए कहा कि अखिलेश यादव खुद को उनके समकक्ष दिखाकर दलित समाज का अपमान कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नया विवाद खड़ा हो गया है। समाजवादी पार्टी द्वारा लगाए गए एक होर्डिंग में डॉ. भीमराव आंबेडकर और अखिलेश यादव की आधी-आधी तस्वीर जोड़कर एक नया चेहरा दिखाया गया है। इस पर दलित चिंतक एवं विधान परिषद सदस्य डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल ने कड़ी आपत्ति जताई है।
डॉ. निर्मल ने बयान जारी कर कहा, “अखिलेश यादव खुद को बाबा साहेब डॉ. आंबेडकर के समकक्ष दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। यह न केवल डॉ. आंबेडकर का अपमान है, बल्कि पूरे दलित समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला कृत्य है।”
उन्होंने कहा कि यह समाजवादी पार्टी की सोची-समझी रणनीति है, जो डॉ. आंबेडकर की छवि का राजनीतिक लाभ उठाना चाहती है। डॉ. निर्मल ने सवाल उठाया कि अखिलेश यादव को अपने कार्यकाल में दलित समाज के लिए किए गए कार्यों का हिसाब देना चाहिए, न कि बाबा साहेब की तस्वीर के साथ छेड़छाड़ करनी चाहिए।
डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल ने मांग की कि यह विवादित होर्डिंग तत्काल हटाया जाए और अखिलेश यादव तथा समाजवादी पार्टी को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए। साथ ही उन्होंने चुनाव आयोग से भी इस मामले में संज्ञान लेने की अपील की है।
यह विवाद आगामी चुनावों में राजनीतिक मुद्दा बन सकता है, खासकर तब जब सामाजिक न्याय और दलित अधिकार जैसे विषय केंद्र में हों।