क्या है फाइनेंस बिल?
फाइनेंस बिल हर साल सरकार के बजट प्रस्तावों को लागू करने के लिए संसद में पेश किया जाता है। इसमें कराधान, सरकारी खर्च और अन्य वित्तीय नीतियों से जुड़े बदलाव शामिल होते हैं। बजट के तहत लाए गए सभी कर प्रस्ताव इसी बिल के जरिए लागू किए जाते हैं।
बिल में क्या-क्या बदलाव किए गए हैं?
फाइनेंस बिल-2025 में कुल 35 संशोधन किए गए हैं, जिनमें कुछ महत्वपूर्ण बदलाव इस प्रकार हैं:
- डिजिटल टैक्स खत्म – ऑनलाइन विज्ञापनों पर 6% डिजिटल टैक्स हटाने का प्रस्ताव रखा गया है। इससे डिजिटल मार्केटिंग और ऑनलाइन विज्ञापन क्षेत्र को राहत मिलेगी।
- नए कर नियम – सरकार ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में कुछ संशोधन किए हैं, जिससे आम नागरिकों और व्यापारियों पर कर भार का असर पड़ सकता है।
- छोटे और मध्यम उद्यमों को राहत – सरकार ने एमएसएमई सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए कुछ कर लाभों की घोषणा की है।
- विनिवेश और पूंजीगत व्यय – सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के विनिवेश और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए नए प्रावधान किए हैं।
राज्यसभा की मंजूरी क्यों जरूरी?
लोकसभा से पारित होने के बाद, राज्यसभा की मंजूरी मिलना जरूरी होता है ताकि यह विधेयक कानून बन सके। हालांकि, चूंकि फाइनेंस बिल मनी बिल की श्रेणी में आता है, इसलिए राज्यसभा इसे रोक नहीं सकती, लेकिन इस पर चर्चा जरूर कर सकती है।
बजट 2025-26 की प्रमुख बातें
इस साल केंद्र सरकार ने 50.65 लाख करोड़ रुपए का बजट पेश किया था, जिसमें विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं के लिए धन आवंटित किया गया है। इसके तहत:
- इन्फ्रास्ट्रक्चर और विकास परियोजनाओं के लिए भारी निवेश किया गया है।
- स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में भी अधिक फंडिंग दी गई है।
- रक्षा बजट में बढ़ोतरी की गई है ताकि सुरक्षा व्यवस्था मजबूत हो।
- कृषि और ग्रामीण विकास को प्राथमिकता दी गई है, जिससे किसानों को लाभ मिलेगा।
क्या होगा असर?
अगर यह फाइनेंस बिल राज्यसभा से भी पास हो जाता है, तो अगले वित्तीय वर्ष की आर्थिक नीतियों को लागू करने का रास्ता साफ हो जाएगा। डिजिटल टैक्स हटने से ई-कॉमर्स और डिजिटल मीडिया इंडस्ट्री को फायदा मिलेगा। साथ ही, छोटे व्यापारियों और उद्यमियों को नई कर राहतों से लाभ होगा।
फाइनेंस बिल-2025 भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। इसमें प्रस्तावित बदलाव आने वाले साल में आर्थिक विकास, व्यापार और कर प्रणाली को प्रभावित करेंगे। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि राज्यसभा में इस पर क्या चर्चा होती है और क्या इसे बिना किसी बड़े बदलाव के पारित कर दिया जाता है।