श्री जाटव समाज संस्थान को राजनीतिक नहीं, सामाजिक मंच ही बने रहने दें

ताराचन्द खोयड़ावाल, सामाजिक कार्यकर्ता व आजीवन सदस्य, श्री जाटव समाज संस्थान खैरथल

दिनांक 13 जुलाई 2025 को समाज के कुछ प्रतिनिधि श्री रामहेत यादव (पूर्व विधायक) से भेंट करने गए। इस मुलाकात की पृष्ठभूमि और उद्देश्य को लेकर समाज में कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं।


यह स्पष्ट नहीं किया गया कि यह प्रतिनिधिमंडल किस उद्देश्य से मिला? न ही इस मुलाकात की जानकारी समाज को पूर्व में दी गई और न ही बाद में कोई विस्तृत जानकारी साझा की गई कि यह भेंट किस सामाजिक मुद्दे पर आधारित थी।


यह जानना जरूरी है कि प्रतिनिधिमंडल में केवल वे ही लोग शामिल थे जो वर्तमान में भाजपा पार्टी से जुड़े हुए हैं। फिर यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या यह भेंट सामाजिक सरोकार के लिए थी या किसी राजनीतिक उद्देश्य से?


और सबसे अहम बात, ज्ञापन श्री जाटव समाज संस्थान के लैटरहेड पर दिया गया — जबकि समाज को आज तक यह स्पष्ट नहीं किया गया कि ज्ञापन का विषय क्या था और किस उद्देश्य से दिया गया?


यह संस्थान समाज के सामाजिक विकास और एकता के लिए बना है, न कि किसी राजनीतिक दल का समर्थन या प्रचार करने के लिए। समाज का स्पष्ट मत है कि इस मंच को राजनीतिक मकसदों से दूर रखा जाए।


यदि समाज के नाम पर किसी से मिलना ही था, तो यह आवश्यक था कि अन्य समाजबन्धुओं, बुद्धिजीवियों और पदाधिकारियों को भी शामिल किया जाता। एकतरफा निर्णय न केवल पारदर्शिता की कमी को दर्शाता है, बल्कि समाज में भ्रम की स्थिति भी पैदा करता है।


और अंत में, यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि जिनसे प्रतिनिधिमंडल ने भेंट की, वे पूर्व विधायक हैं। इसका मतलब है कि वर्तमान में उनके पास कोई प्रशासनिक या विधायी जिम्मेदारी नहीं है।


अब यह जिम्मेदारी समाज की है कि वह स्वयं विचार करे –
क्या यह भेंट समाजहित में थी, या किसी निजी/राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित थी?

– ताराचन्द खोयड़ावाल
सामाजिक कार्यकर्ता
आजीवन सदस्य – श्री जाटव समाज संस्थान, खैरथल

 


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