जोड़िया (कोटकासिम)जहाँ एक ओर सफलता की ऊँचाइयाँ अक्सर सुविधाओं से जोड़ी जाती हैं, वहीं कोटकासिम के छोटे से गाँव जोड़िया के प्रशांत कुमार ने यह मिथक तोड़ते हुए यह सिद्ध कर दिया कि मेहनत, लगन और धैर्य ही असली पूंजी है।
JEE Advanced 2025 जैसे देश के सबसे कठिन इंजीनियरिंग परीक्षा में 2239वीं रैंक प्राप्त कर प्रशांत ने न सिर्फ अपने माता-पिता बल्कि पूरे गांव और समाज का नाम रोशन किया है।
साधारण परिवार, असाधारण सपना
प्रशांत के पिता श्री महिपाल एक निजी कंपनी में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करते हैं, और माता श्रीमती पिंकी देवी एक गृहिणी हैं। सीमित संसाधनों में पला-बढ़ा यह होनहार छात्र हमेशा से ही पढ़ाई में अव्वल रहा है। ग्रामीण परिवेश, आर्थिक सीमाएं और सामाजिक अपेक्षाओं के बीच भी प्रशांत ने अपने सपनों को मरने नहीं दिया।
मेहनत का दूसरा नाम: प्रशांत
प्रशांत की दिनचर्या अनुशासित थी। दिन-रात की कड़ी मेहनत, खुद पर विश्वास और माता-पिता का आशीर्वाद ही उसकी सफलता की नींव बने। गाँव के सीमित शैक्षणिक संसाधनों के बावजूद उसने शहर के कोचिंग सेंटरों के छात्रों को टक्कर दी और शानदार रैंक के साथ एक मिसाल कायम की।
समाज को मिली नई प्रेरणा
आज जब युवा वर्ग सोशल मीडिया और भ्रमित करने वाले विकल्पों में उलझा है, प्रशांत जैसे युवा समाज को यह सिखा रहे हैं कि दृढ़ निश्चय और अनुशासन से कोई भी मुक़ाम पाया जा सकता है।
जोड़िया गाँव और आसपास के क्षेत्र में खुशी की लहर है। स्थानीय लोग, शिक्षक, समाजसेवी और युवा वर्ग प्रशांत की इस उपलब्धि को गर्व से साझा कर रहे हैं।
भविष्य की शुभकामनाएं
हम सभी की यही कामना है कि प्रशांत को उसकी पसंदीदा ब्रांच व प्रतिष्ठित IIT में दाख़िला मिले, और वह देश के लिए एक श्रेष्ठ इंजीनियर के रूप में उभरकर सामने आए।
प्रशांत, तुम्हारे हौसले को सलाम!