राजस्थान पुलिस की चेतावनी – फर्जी नंबरों से हो रही बड़ी धोखाधड़ी, गोपनीय जानकारी साझा करने से बचें
जयपुर, 16 जून साइबर ठगों ने अब गूगल सर्च को अपना नया हथियार बना लिया है। राजस्थान पुलिस की साइबर क्राइम शाखा ने आम जनता को आगाह किया है कि ऑनलाइन हेल्पलाइन नंबर खोजते समय विशेष सावधानी बरतें। अपराधी गूगल पर फर्जी हेल्पलाइन नंबर डालकर मासूम लोगों को अपने जाल में फंसा रहे हैं।
कैसे हो रही ठगी?
पुलिस मुख्यालय में साइबर क्राइम एसपी श्री शांतनु कुमार ने बताया कि ठग गूगल सर्च रिजल्ट में प्रसिद्ध बैंकों, होटल्स, कंपनियों आदि के नाम पर फर्जी नंबर लिस्ट कर देते हैं। जब कोई व्यक्ति सेवा के लिए गूगल पर नंबर सर्च करता है और इन नकली नंबरों पर कॉल करता है, तो अपराधी एक्टिव हो जाते हैं।
ये ठग फिर पीड़ित को झांसे में लेकर किसी ऐप को डाउनलोड कराने या लिंक पर क्लिक कराने को कहते हैं। जैसे ही पीड़ित ऐसा करता है, अपराधियों को उसके फोन या कंप्यूटर तक पूरी पहुंच मिल जाती है — जिससे बैंक खातों, पासवर्ड्स और अन्य निजी जानकारी पर उनका कब्जा हो जाता है।
राजस्थान पुलिस की सलाह:
साइबर धोखाधड़ी से बचाव के लिए आमजन को राजस्थान पुलिस ने निम्न सावधानियाँ बरतने की सलाह दी है:
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गूगल सर्च पर आंख बंद कर भरोसा न करें:
किसी भी संस्था का हेल्पलाइन नंबर केवल उसकी आधिकारिक वेबसाइट या ऐप से ही लें। -
अनजाने लिंक और ऐप्स से बचें:
किसी अज्ञात लिंक पर क्लिक या किसी अनजाने ऐप को डाउनलोड करना खतरनाक हो सकता है। -
संवेदनशील जानकारी साझा न करें:
कोई भी संस्था फोन पर आपके OTP, पासवर्ड या बैंक डिटेल्स नहीं मांगती। ऐसा कोई भी अनुरोध आने पर सतर्क हो जाएं। -
सतर्क रहें, जागरूक बनें:
ठग हर दिन नई तकनीकें अपनाते हैं। इसलिए डिजिटल लेन-देन में हमेशा सचेत रहें।
शिकार हो जाने पर क्या करें?
अगर आप धोखाधड़ी का शिकार हो गए हैं, तो तुरंत निम्न विकल्पों के माध्यम से शिकायत करें:
- साइबर हेल्पलाइन: 📞 1930
- ऑनलाइन शिकायत पोर्टल: 🌐 cybercrime.gov.in
- नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर क्राइम थाना
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