मनरेगा कार्यस्थल पर महिला श्रमिकों को नहीं मिल रही बुनियादी सुविधाएं

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मनरेगा कार्यस्थल पर महिला श्रमिकों को नहीं मिल रही बुनियादी सुविधाएं
📍 धौलपुर, राजस्थान | प्रगति न्यूज़ विशेष रिपोर्ट

राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण रोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से संचालित मनरेगा योजना (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) के अंतर्गत कार्यरत महिला श्रमिकों को धौलपुर जिले की बाड़ी कृषि उपज मंडी में भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यहां काम करने वाली महिलाओं को पीने के पानी, छाया, और मेडिकल सुविधा जैसी बुनियादी आवश्यकताएं भी उपलब्ध नहीं करवाई जा रही हैं।

स्थानीय जानकारी के अनुसार, महिलाएं 15 दिन की मज़दूरी के बदले 1500 से 2400 रुपये तक की मजदूरी प्राप्त कर रही हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्हें अत्यंत कष्टदायक परिस्थितियों में कार्य करना पड़ रहा है। कार्यस्थल पर न तो पीने का स्वच्छ पानी है, न ही धूप से बचने के लिए कोई छाया की व्यवस्था। इससे उन्हें गर्मी और लू में भी खुले आसमान के नीचे काम करना पड़ता है।

महिलाओं ने बताया कि वे काम के दौरान आसपास के गांवों के लोगों से पानी मांगने को मजबूर हैं। यह न केवल उनके सम्मान और स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है, बल्कि सरकारी दिशानिर्देशों की भी स्पष्ट अवहेलना है।

इस मामले को लेकर पूर्व पार्षद ने जिला प्रशासन से शिकायत की है और महिला श्रमिकों के लिए तुरंत उचित व्यवस्था की मांग की है। उन्होंने जिला कलेक्टर से आग्रह किया है कि कार्यस्थलों पर नियमानुसार पेयजल, प्राथमिक चिकित्सा और आराम की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

यह स्थिति मनरेगा योजना की जमीनी हकीकत को उजागर करती है और यह सवाल खड़ा करती है कि क्या वास्तव में सरकार की योजनाएं लाभार्थियों तक उचित रूप में पहुंच रही हैं?

👩‍⚖️ प्रशासन को चाहिए कि वह इस मामले को गंभीरता से लेते हुए दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करे और महिला श्रमिकों को सम्मानजनक व सुरक्षित कार्य वातावरण उपलब्ध कराए।

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