रामगढ़ (अलवर), 14 जून दलित अधिकार केंद्र के तत्वावधान में ग्राम खूंटेटा कला, तहसील रामगढ़ में अनुसूचित जाति जनजाति विकास निधि (योजना, आवंटन एवं वित्तीय संसाधनों का उपयोग) अधिनियम 2022 पर एक दिवसीय जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में दलित एवं महिलाओं के संवैधानिक अधिकारों, विकास योजनाओं तथा अत्याचारों से सुरक्षा देने वाले कानूनों पर चर्चा की गई।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए केंद्र के जिला समन्वयक शैलेष गौतम ने बताया कि शिविर का उद्देश्य हाल ही में लागू राजस्थान एससी-एसटी डेवलपमेंट फंड एक्ट 2022 की जानकारी देना था, ताकि समुदाय के लोग बजट आवंटन और उसके सही उपयोग की निगरानी कर सकें।
मुख्य वक्ता एडवोकेट हेमंत मीमरोठ ने कहा, "राजस्थान एक सामंतवादी प्रवृत्ति वाला प्रदेश रहा है, जहां आज भी दलितों और महिलाओं पर अत्याचार की घटनाएं थम नहीं रही हैं। हमारा उद्देश्य है कि सरकार और संबंधित आयोग संवेदनशील बनें और पीड़ितों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय सुनिश्चित किया जा सके।"कार्यक्रम में एडवोकेट दिनेश गौतम ने दलित और महिलाओं में शिक्षा व जागरूकता की कमी को सामाजिक पिछड़ेपन का कारण बताया। वहीं, सामाजिक कार्यकर्ता बाबूलाल जाटव ने समुदाय को स्वरोजगार और उद्यमिता की दिशा में प्रेरित करने पर बल दिया।
शिविर में उपस्थित अन्य वक्ताओं में हरिकिशन जाटव, राकेश जाटव, टीकमचंद, केसंती व केला देवी शामिल रहे, जिन्होंने अपने विचार साझा करते हुए शिक्षा, बेरोजगारी, भूखमरी और भेदभाव जैसे मुद्दों पर गहरी चिंता जताई।
शिविर में एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम, पॉक्सो एक्ट, नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम, पोश (POSH) अधिनियम आदि कानूनों की भी जानकारी दी गई।